
#गुमला #रक्षाबंधन : मातृशक्ति दुर्गावाहिनी बहनों ने थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों को राखी बांध दी शुभकामनाएं
- मातृशक्ति दुर्गावाहिनी की बहनों ने गुमला थाना में रक्षा बंधन कार्यक्रम आयोजित किया।
- थाना प्रभारी महेंद्र करमाली और अन्य पुलिसकर्मियों को राखी बांधी गई।
- बहनों ने लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना की।
- विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
- सांस्कृतिक एकता और बलिदान सम्मान का संदेश दिया गया।
गुमला में इस बार रक्षा बंधन का पर्व सिर्फ़ रिश्तों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज के उन प्रहरीओं को भी समर्पित हुआ जो दिन-रात जनता की सुरक्षा में जुटे रहते हैं। मातृशक्ति दुर्गावाहिनी की बहनों ने गुमला थाना में आयोजित विशेष कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को राखी बांधकर उनके प्रति आभार और सम्मान व्यक्त किया। यह आयोजन सामाजिक भाईचारे और सांस्कृतिक एकता का जीवंत उदाहरण बना।
मातृशक्ति दुर्गावाहिनी का स्नेहपूर्ण आयोजन
गुमला थाना में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन मातृशक्ति दुर्गावाहिनी की बहनों ने किया। उन्होंने थाना प्रभारी श्री महेंद्र करमाली सहित अन्य पुलिसकर्मियों को राखी बांधी और उनके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना की। इस अवसर पर उपस्थित पुलिस बल ने भी इस सम्मान और स्नेह को आत्मीयता से स्वीकार किया।
संगठन और समाज की एकजुटता
कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। उनका कहना था कि ऐसे अवसर समाज और सुरक्षा बल के बीच आपसी विश्वास और भाईचारा मजबूत करते हैं। यह पर्व सिर्फ़ पारिवारिक रिश्तों तक सीमित न रहकर, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना को भी सलाम करता है।
थाना प्रभारी का प्रेरणादायक संदेश
थाना प्रभारी महेंद्र करमाली ने कहा: “बलिदान को सम्मान और विविधताओं में एकता ही भारत की पहचान है। रक्षाबंधन इसका सशक्त प्रतीक है। देश के कई हिस्सों में लोग हमारे सैनिकों और पुलिस बल को भी राखी बांधते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त किया जा सके।”

न्यूज़ देखो: त्योहार का विस्तार – रिश्तों से सेवा तक
गुमला में आयोजित यह कार्यक्रम बताता है कि त्योहार सिर्फ़ परंपरा का पालन नहीं, बल्कि मूल्यों के विस्तार का माध्यम भी हो सकते हैं। रक्षाबंधन को सुरक्षा बल तक पहुंचाना, समाज और सेवा के बीच गहरे रिश्ते का प्रतीक है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
रिश्तों का सम्मान, सेवा का सम्मान
त्योहारों को सिर्फ़ औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज में एकता और विश्वास बढ़ाने का माध्यम बनाएं। ऐसे कार्यक्रमों की भावना को आगे बढ़ाएं और इस खबर को अपने मित्रों व परिवार के साथ साझा करें।