
#लातेहार #हत्या_उद्भेदन : बरवाडीह थाना क्षेत्र में मिले शव की पहचान के बाद पुलिस की कार्रवाई तेज हुई—छापामारी दल ने मुख्य आरोपियों को दबोचा
- 24 नवंबर को पुटवागढ़ जंगल से मिले अज्ञात शव की पहचान चंदन भुईयां (27 वर्ष) के रूप में हुई।
- परिजनों ने हत्या कर आत्महत्या का रूप देने का गंभीर आरोप लगाया था।
- बरवाडीह थाना कांड संख्या 76/2025 दर्ज कर SDPO बरवाडीह के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन।
- छापामारी दल ने मोहन कुमार उर्फ मोहन यादव और संदीप कुमार को गिरफ्तार किया।
- एक नाबालिग आरोपी को भी निरुद्ध कर बाल सुधार गृह भेजा गया।
- सभी आरोपियों पर धारा 103(1)/238 बीएनएस के तहत कार्रवाई की गई।
बरवाडीह थाना क्षेत्र के पुटवागढ़ जंगल में 24 नवंबर को एक अज्ञात शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पहचान की प्रक्रिया शुरू की। बाद में मृतक की पहचान पलामू जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के हुंटार गांव निवासी सुकन भुईयां के 27 वर्षीय पुत्र चंदन भुईयां के रूप में हुई। शव मिलने के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि चंदन की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के लिए घटना को आत्महत्या जैसा दिखाया गया है। इसको लेकर परिजनों ने सार्वजनिक रूप से विरोध भी दर्ज कराया था।
शुरुआती जांच और मामला दर्ज होने की प्रक्रिया
शव बरामद होने के बाद पुलिस ने घटनास्थल का भौतिक सत्यापन किया और बरवाडीह थाना कांड संख्या 76/2025 दिनांक 24.11.2025 दर्ज किया। प्राथमिकी अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध धारा 103(1)/238 बीएनएस के तहत हत्या और साक्ष्य छिपाने के आरोपों पर आधारित थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बरवाडीह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल गठित किया गया ताकि जल्द से जल्द सत्य का उद्भेदन हो सके।
छापामारी दल की कार्रवाई और मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
जांच टीम में पुअनि सह थाना प्रभारी अनुराग कुमार, पुअनि सुनील कुमार मंडल, राजन अधिकारी और अशोक कुमार सिंह शामिल थे। टीम ने तकनीकी अनुसंधान और गुप्त सूचनाओं के आधार पर लगातार छापेमारी की और अंततः हत्याकांड के अप्राथमिकी अभियुक्तों तक पहुँचने में सफलता हासिल की।
छापामारी के दौरान पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों—
- मोहन कुमार उर्फ मोहन यादव (22 वर्ष), पिता भागीरथ यादव,
- संदीप कुमार (22 वर्ष), पिता बिन्दु उर्फ बिन्दा साव,
दोनों निवासी हुंटार, रामगढ़, पलामू—को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
नाबालिग आरोपी को भेजा गया बाल सुधार गृह
जांच के दौरान एक नाबालिग लड़का भी इस अपराध में संलिप्त पाया गया। कानूनन प्रक्रिया के तहत उसे निरुद्ध कर बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि घटना के पूरा रहस्योद्घाटन के लिए आगे की पूछताछ जारी है।
कैसे हुआ हत्याकांड का उद्भेदन
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना की कई कड़ियाँ शुरुआती दौर में अस्पष्ट थीं, लेकिन मृतक की पहचान होने के बाद टीम ने उसके संपर्कों, अंतिम गतिविधियों और मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया। गहन पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों की भूमिका स्पष्ट हुई, जिसके बाद निर्णायक कार्रवाई की गई।
न्यूज़ देखो: पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बढ़ा भरोसा
इस हत्याकांड के उद्भेदन ने साबित किया है कि संवेदनशील मामलों में जब पुलिस प्रोफेशनल तरीके से काम करती है, तो अपराधी कानून से बच नहीं पाते। आरोपियों की तेजी से गिरफ्तारी पुलिस की सजगता और समन्वित प्रयास को दर्शाती है। यह कार्रवाई स्थानीय लोगों के बीच सुरक्षा की भावना को मजबूत करती है और अपराधियों में भय पैदा करती है।
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न्याय तभी मजबूत जब समाज हो सतर्क
ऐसे मामलों में नागरिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है—सूचना साझा करने से लेकर पुलिस जांच में सहयोग तक। हत्याकांड जैसी घटनाएँ समाज को झकझोरती हैं, लेकिन सच सामने आने पर न्याय प्रक्रिया मजबूत होती है। अब समय है कि हम सब मिलकर शांति, सुरक्षा और न्याय की दिशा में अपना योगदान दें। अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता बढ़े।





