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पलामू में पुलिस का व्यापक जागरूकता अभियान: अवैध फसलों की जगह वैकल्पिक खेती को दिया बढ़ावा

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#पलामू #पांकी : अफीम और गांजा की खेती रोकने के लिए ग्रामीणों में जागरूकता पुलिस ने दिलाई वैकल्पिक फसलों की शपथ
  • पांकी थाना क्षेत्र के हेडूम और गड़ीहारा गाँवों में चला पुलिस का जागरूकता अभियान
  • ग्रामीणों को अफीम, पोस्ता और गांजा की अवैध खेती के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया।
  • लोगों को धान, गेहूं, सरसों, चना, ज्वार, मूंगफली, अरंडी, बाजरा और कटहल जैसी फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया गया।
  • गाँवों के मुखिया, वार्ड सदस्य, युवक-युवतियां और पुलिस पदाधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
  • ग्रामीणों ने अवैध खेती नहीं करने की शपथ ली और वैकल्पिक खेती अपनाने का संकल्प लिया।

पलामू के पांकी थाना क्षेत्र में शनिवार को पुलिस की ओर से एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत हेडूम और गड़ीहारा गाँवों में जाकर लोगों को अफीम, पोस्ता और गांजा जैसी नशीली फसलों की खेती के दुष्परिणाम बताए गए। अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को अवैध खेती से दूर रखकर वैधानिक और लाभदायक खेती की ओर प्रोत्साहित करना था।

पुलिस की पहल — अपराध से आजीविका की ओर

इस अभियान में केकरगढ़ पंचायत के गड़ीहारा, हेडूम और जशपुर गाँवों के महिला-पुरुष, युवक-युवतियां, पंचायत प्रतिनिधि, वार्ड सदस्य, थाना के पदाधिकारी और जवान बड़ी संख्या में शामिल हुए।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध फसलों की खेती न सिर्फ अपराध है, बल्कि यह किसानों और उनके परिवारों के भविष्य को भी खतरे में डालती है।

“अवैध खेती छोड़ वैकल्पिक फसलों की ओर बढ़ना ही ग्रामीण समृद्धि का मार्ग है। पुलिस की मंशा है कि लोग अपराध से नहीं, खेती से अपनी पहचान बनाएं।” — एक पुलिस पदाधिकारी

वैकल्पिक खेती की दिशा में नई उम्मीद

अभियान के दौरान ग्रामीणों को बताया गया कि अफीम या गांजा की खेती छोड़कर किसान धान, गेहूं, चना, सरसों, मसूर, ज्वार, मूंगफली, अरंडी, बाजरा और कटहल जैसी फसलों से न केवल सुरक्षित, बल्कि स्थायी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित ग्रामीणों को सामूहिक रूप से शपथ दिलाई कि वे अब कभी भी नशीली फसलों की खेती नहीं करेंगे और अपने गाँव को अवैध गतिविधियों से मुक्त रखेंगे।

न्यूज़ देखो: जागरूकता ही अपराधमुक्त समाज की नींव

पुलिस द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान सिर्फ कानून पालन तक सीमित नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह पहल पांकी समेत पूरे पलामू जिले को अवैध खेती मुक्त बनाने की दिशा में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

खेती में बदलाव, जीवन में सुधार

अब समय है कि किसान भाई अवैध फसलों से दूरी बनाकर वैकल्पिक खेती को अपनाएं। इससे न केवल आमदनी बढ़ेगी, बल्कि समाज भी नशामुक्त और समृद्ध बनेगा। अपनी राय कॉमेंट में साझा करें और इस पहल को आगे बढ़ाएं।

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