Palamau

पुलिस का व्यापक जागरूकता अभियान: अवैध नशीली फसलों की जगह वैकल्पिक खेती को मिला बढ़ावा

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#पांकी #पलामू : अफीम और गांजा जैसी अवैध फसलों की रोकथाम के लिए पुलिस ने गांवों में चलाया विशेष जनजागरण अभियान, किसानों को दी वैधानिक और कृषि संबंधी जानकारी
  • पुलिस विभाग ने अवैध नशीली फसलों के खिलाफ ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया।
  • पिपराटांड़, पांकी और मनातू थाना क्षेत्र के गाँवों में आयोजित कार्यक्रमों में किसानों को जागरूक किया गया।
  • किसानों को अफीम और गांजा जैसी फसलों के दुष्परिणामों एवं कानूनी कार्रवाई की जानकारी दी गई।
  • किसानों को चावल, गेहूं, दलहन, तिलहन और बागवानी जैसी वैकल्पिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
  • मोरधोई गाँव में वन विभाग के सहयोग से फलदार पौधे लगाने और मछली पालन-मुर्गी पालन की पहल की गई।

पलामू जिले के पांकी अनुमंडल क्षेत्र में पुलिस द्वारा नशीली फसलों के विरुद्ध चलाया जा रहा यह जन-जागरूकता अभियान अब व्यापक रूप ले चुका है। पुलिस ने ग्रामीणों को यह समझाने का प्रयास किया कि अफीम, पोस्ता और गांजा जैसी अवैध फसलें न केवल कानूनी दृष्टि से अपराध हैं, बल्कि यह समाज की आर्थिक और नैतिक संरचना को भी कमजोर करती हैं।

अवैध खेती के खिलाफ सख्त संदेश

पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि इन नशीली फसलों की खेती करने पर कठोर कानूनी दंड का प्रावधान है। कई मामलों में गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती जैसी कार्रवाई भी हो सकती है। इस दौरान उपस्थित किसानों को यह भी बताया गया कि वैकल्पिक खेती अपनाने से न केवल आय बढ़ाई जा सकती है, बल्कि पर्यावरण और समाज दोनों को सकारात्मक दिशा मिलती है।

“हमारा उद्देश्य सजा देना नहीं, बल्कि समझाना है। किसान भाई अगर वैकल्पिक खेती अपनाएं तो वही भूमि जो अब तक अवैध काम में इस्तेमाल होती थी, समृद्धि का माध्यम बन सकती है।” — स्थानीय पुलिस अधिकारी

वैकल्पिक खेती और ग्रामीण विकास पर जोर

मनातू थाना क्षेत्र के मोरधोई गाँव में आयोजित कार्यक्रम में वन विभाग के सहयोग से ग्रामीणों को फलदार पौधे लगाने, तालाब निर्माण, मछली पालन और मुर्गी पालन जैसे लघु उद्योगों की दिशा में प्रेरित किया गया। इन पहलों का उद्देश्य ग्रामीणों को स्थायी आय के स्रोत उपलब्ध कराना है ताकि वे अवैध खेती की ओर न लौटें।

कई गाँवों के ग्रामीणों ने इस अवसर पर सामूहिक रूप से अफीम और गांजा की खेती न करने की शपथ ली। उन्होंने वादा किया कि आने वाले मौसम में वे सिर्फ कानूनी और उत्पादक फसलें ही बोएंगे।

न्यूज़ देखो: नशे के खिलाफ गाँवों की एकजुटता बन रही मिसाल

पलामू जिले में पुलिस और प्रशासन का यह संयुक्त प्रयास केवल कानून लागू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उठाया गया कदम है। वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देकर यह अभियान ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बन रहा है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

नशामुक्त गाँव, समृद्ध किसान

अब समय है कि समाज मिलकर अवैध नशीली फसलों की जड़ काटे और वैकल्पिक खेती को अपनाए। यह न केवल कानून का पालन है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की रक्षा भी है। अपनी राय साझा करें, इस खबर को शेयर करें और नशामुक्त भारत के इस अभियान में अपनी भूमिका निभाएं।

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