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गढ़वा कांग्रेस जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर सियासी संग्राम: दावेदारों की लंबी कतार और कार्यकर्ताओं की राय पर टिकी उम्मीदें

#गढ़वा #कांग्रेस : कार्यकर्ताओं की राय से होगा जिलाध्यक्ष का चयन, बड़े नामों के बीच सियासी हलचल

गढ़वा की राजनीति इन दिनों गर्म है और वजह है कांग्रेस जिलाध्यक्ष की कुर्सी। यह पद अब केवल एक चेहरा तय नहीं करेगा, बल्कि जिले की राजनीति की दिशा और संगठन की मजबूती भी तय करेगा। जिले से गांव-गांव तक यही चर्चा है कि आखिर कांग्रेस का अगला जिलाध्यक्ष कौन होगा।

कार्यकर्ताओं पर छोड़ा जाएगा फैसला

महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस की कद्दावर नेता यशोमति ठाकुर इन दिनों गढ़वा में कैंप किए हुए हैं। वे लगातार प्रखंडों में बैठकों से लेकर गांवों तक कार्यकर्ताओं से संवाद कर रही हैं। उनका साफ कहना है कि इस बार जिलाध्यक्ष का चयन नेताओं की सिफारिश पर नहीं होगा, बल्कि कार्यकर्ताओं की राय से होगा। ठाकुर ने कहा कि “कार्यकर्ता ही संगठन की ऑक्सीजन हैं और उनकी अनदेखी कर कांग्रेस को मजबूत नहीं किया जा सकता।”

दावेदारों की सूची लंबी

अब तक चार बड़े नाम सामने आए हैं, हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

कार्यकर्ताओं के बीच सीधी बातचीत

गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंड कांग्रेस कमेटियों से वन-टू-वन मुलाकात में कार्यकर्ताओं की राय ली जा रही है। प्रदेश पर्यवेक्षक चंद्रशेखर शुक्ला ने भी भरोसा दिलाया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और ईमानदारी से होगी।

नेताओं की मौजूदगी और बढ़ी हलचल

इस बैठक में वर्तमान जिलाध्यक्ष अंसारी, सुशील चौबे, श्रीकांत तिवारी, प्रभात दुबे समेत कई दिग्गज कार्यकर्ता मौजूद रहे। नेताओं के बीच कुर्सी की होड़ और कार्यकर्ताओं की रायशुमारी ने पूरे जिले के माहौल को और गर्मा दिया है।

आने वाले चुनावों पर नजर

गढ़वा में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की ताजपोशी केवल एक पद की नियुक्ति नहीं, बल्कि आने वाले चुनावों की रणनीति तय करेगी। 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करना हर दावेदार की जिम्मेदारी होगी। सवाल अब सिर्फ इतना है कि कार्यकर्ताओं की मुहर आखिर किस नेता पर लगती है।

न्यूज़ देखो: कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की राय से बदलेगी तस्वीर

गढ़वा कांग्रेस की इस लड़ाई ने साबित किया है कि संगठन में अब कार्यकर्ताओं की राय सबसे अहम होगी। यह फैसला केवल एक जिलाध्यक्ष का नहीं, बल्कि कांग्रेस की भावी दिशा और चुनावी मजबूती का भी प्रतीक बनेगा।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

कार्यकर्ता ही कांग्रेस की असली ताकत

अब समय है कि कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी और भूमिका को और मजबूत करें। संगठन तभी सशक्त होगा, जब हर कार्यकर्ता ईमानदारी से अपनी राय रखे और नेतृत्व उसे सम्मान दे। आप भी अपनी राय कॉमेंट कर साझा करें और इस खबर को आगे बढ़ाएं, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती मिले।

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