
#पलामू #कांग्रेस : रायशुमारी में उमड़ा उत्साह, 90 प्रतिशत युवा नेता मैदान में
- पलामू कांग्रेस में जिलाध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी जारी।
- 34 से अधिक दावेदार, जिनमें 90 प्रतिशत युवा शामिल।
- वर्तमान जिलाध्यक्ष जैश रंजन पाठक उर्फ बिट्टू पाठक भी दौड़ में।
- पूर्व सांसद अनी याग्निक के नेतृत्व में टीम ले रही राय।
- पंचायत और प्रखंड स्तर पर कार्यकर्ताओं से हो रहा संवाद।
झारखंड का पलामू इलाका लंबे समय से राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे इस इलाके में आज भी संगठन की मजबूती को लेकर खासी हलचल है। कांग्रेस अपने नए जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए रायशुमारी कर रही है और इस प्रक्रिया ने पूरे जिले के राजनीतिक माहौल को जीवंत बना दिया है।
रायशुमारी की कमान
पूर्व राज्यसभा सांसद और गुजरात कांग्रेस से जुड़ी अनी याग्निक इस रायशुमारी टीम का नेतृत्व कर रही हैं। उनकी टीम पंचायत और प्रखंड स्तर तक जाकर कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रही है। टीम में विनय कुमार सिंह उर्फ दीपू और केदार पासवान जैसे पर्यवेक्षक भी शामिल हैं, जो पूरी प्रक्रिया को देख रहे हैं।
दावेदारों की लंबी सूची
जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर दावेदारी पेश करने वालों की संख्या 34 से ऊपर पहुंच चुकी है। इनमें प्रशांत किशोर, जैश रंजन पाठक (बिट्टू पाठक), मणिकांत सिंह, विमला कुमारी, पूर्णिमा पांडेय, मिथिलेश सिंह, जीशान खान, लक्ष्मी तिवारी, रंजन कुमार दुबे, विवेकानंद त्रिपाठी, परमदेव सिंह कुशवाहा, धनंजय तिवारी, अभिषेक तिवारी, ऋषिकेश सिंह और राजेश चौरसिया जैसे नाम प्रमुख हैं।
युवाओं की बढ़त
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार मैदान में उतरे दावेदारों में करीब 90 प्रतिशत युवा शामिल हैं। यह कांग्रेस संगठन के भीतर नई ऊर्जा और नई दिशा की तलाश का संकेत माना जा रहा है। हालांकि 50 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं और हाल में पार्टी से जुड़े चेहरों की राह आसान नहीं बताई जा रही है।
कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम
रायशुमारी की इस प्रक्रिया का मकसद संगठन की जड़ों को और मजबूत करना है। इस बार कार्यकर्ताओं की राय को सबसे अहम माना जा रहा है, जिससे यह साफ है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष की कुर्सी किसी सिफारिश से नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की पसंद से तय होगी।
न्यूज़ देखो: पलामू कांग्रेस में नई दिशा की तलाश
पलामू की कांग्रेस इकाई में 34 से अधिक दावेदारों का होना बताता है कि संगठन में ऊर्जा और उत्साह की कमी नहीं है। अब देखना यह होगा कि कार्यकर्ताओं का झुकाव किस ओर होता है। यह फैसला न केवल एक पद की ताजपोशी है, बल्कि कांग्रेस की भावी रणनीति और चुनावी ताकत का भी निर्धारण करेगा।
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युवा बनेंगे कांग्रेस की रीढ़
पलामू की कांग्रेस में जिस तरह युवा चेहरे आगे आ रहे हैं, यह साफ संकेत है कि संगठन नई पीढ़ी की ओर देख रहा है। अब वक्त है कि कार्यकर्ता अपनी राय खुलकर रखें और संगठन को नई दिशा दें। आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर कर चर्चा का हिस्सा बनें।