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“कॉफी विद एसडीएम” के अगले सत्र में होगा राजनीतिक संवाद, 9 जुलाई को प्रतिनिधियों की बैठक

#गढ़वा #कॉफीविदएसडीएम : चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और जनसहभागिता बढ़ाने के लिए आयोजित होगा संवाद — राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भेजा गया आमंत्रण

संवाद से निकलेगा समाधान: एसडीएम की पहल

गढ़वा जिले में प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाली अभिनव पहल “कॉफी विद एसडीएम” अब नए चरण में प्रवेश कर रही है। इस बुधवार, 9 जुलाई को प्रातः 11 बजे, गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में जिले के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।

इस बार का संवाद निर्वाचन से संबंधित विषयों पर केंद्रित होगा, जिसमें मुख्य रूप से मतदाता सूची का शुद्धिकरण, बूथ लेवल एजेंटों की नियुक्ति और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “हमारा उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सहभागी और जनउन्मुख बनाना है। इस दिशा में राजनीतिक दलों की भागीदारी आवश्यक है।”

स्थानीय सुझाव होंगे महत्वपूर्ण

कार्यक्रम के दौरान एसडीएम प्रतिनिधियों से क्षेत्र के विकास और चुनाव से जुड़ी समस्याओं पर सुझाव भी आमंत्रित करेंगे। यह न केवल चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए सहायक होगा, बल्कि राजनीतिक सहभागिता को भी मजबूती देगा।

संजय कुमार ने अपील की: “सभी आमंत्रित राजनीतिक दलों से अनुरोध है कि वे निर्धारित समय पर उपस्थित होकर अपने विचार साझा करें और इस संवाद को सार्थक बनाएं।”

9 दलों को आमंत्रण, जिलेभर के नेतागण होंगे शामिल

एसडीएम कार्यालय द्वारा जानकारी दी गई कि निम्नलिखित 9 मान्यता प्राप्त दलों को आमंत्रण भेजा गया है:

इन दलों के जिलाध्यक्ष या नामित प्रतिनिधि कार्यक्रम में भाग लेंगे और अपनी राय साझा करेंगे।

30 से अधिक संवाद सत्रों का बना प्रभावशाली मंच

“कॉफी विद एसडीएम” एक गैर-औपचारिक संवाद मंच है जो गढ़वा में जन और प्रशासन के बीच पुल का कार्य कर रहा है। अब तक 30 से अधिक संवाद सत्र आयोजित हो चुके हैं, जिनमें विद्यार्थी, व्यापार संघ, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार जैसे विविध वर्गों ने भाग लिया है।

न्यूज़ देखो: संवाद से मजबूत लोकतंत्र की ओर

“कॉफी विद एसडीएम” जैसे कार्यक्रम दर्शाते हैं कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो लोकतांत्रिक भागीदारी को व्यवहार में बदला जा सकता है। यह केवल संवाद नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जीवंतता का प्रमाण है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रशासन और नागरिक जब मिलकर सोचें, तभी बनता है बेहतर समाज

यह पहल प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूती देती है। नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक सुझाव देकर व्यवस्था को सुधारने में सक्रिय भागीदार बनना चाहिए। इस खबर को जरूर साझा करें ताकि लोकतांत्रिक संवाद की यह मिसाल ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।

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