#गढ़वा #Politics : अटल बिहारी वाजपेयी का नाम हटाना झारखंड का अपमान—रितेश चौबे
- हेमंत सरकार ने कैबिनेट में अटल मुहल्ला क्लीनिक का नाम बदलने का प्रस्ताव पास किया।
- भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने इसे सस्ती लोकप्रियता की राजनीति बताया।
- कहा—अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
- सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दे रही, केवल नाम बदल रही है।
- फैसले के खिलाफ भाजपा नेताओं में गहरा आक्रोश, कई कार्यकर्ता बैठक में मौजूद।
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर नाम बदलने का विवाद गहराता जा रहा है। हेमंत सोरेन सरकार ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में अटल मुहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा क्लीनिक करने का प्रस्ताव पारित किया। इस फैसले के बाद भाजपा ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा का आरोप है कि सरकार राज्य के विकास के बजाय नाम बदलने की सस्ती राजनीति में उलझी है, जिससे जनता में आक्रोश है।
भाजपा का आरोप—महापुरुषों का अपमान
गढ़वा भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का नाम हटाकर सरकार ने झारखंड की अस्मिता पर चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि अटल जी ने झारखंड को बनाने और संवारने का काम किया। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने अलग राज्य की मांग को स्वीकार कर झारखंडवासियों को उनका हक, अधिकार और मान-सम्मान दिया।
रितेश चौबे ने कहा: “झामुमो सरकार विकास की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। केवल नाम बदलने के फैसले लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। यह झारखंड का अपमान है।”
उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सरकार ने झूठी उपलब्धि बटोरने की कोशिश की थी। उन्होंने सवाल किया कि मदर टेरेसा का झारखंड के निर्माण में क्या योगदान है?
स्वास्थ्य सुविधाओं पर उठे सवाल
भाजपा नेताओं का कहना है कि झारखंड में आज भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में दवाएं और डॉक्टर नहीं मिलते। ऐसे में कैबिनेट को स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने पर जोर देना चाहिए था, लेकिन सरकार केवल नाम बदलकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में जुटी है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
बैठक में मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि इस निर्णय से आम जनमानस में नाराजगी बढ़ रही है। मौके पर भाजपा नेता संजय जायसवाल, नवीन जायसवाल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे और सभी ने सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध जताया।
न्यूज़ देखो: असली मुद्दों से ध्यान भटकाती राजनीति
नाम बदलने के इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या झारखंड में सरकार जनता की बुनियादी समस्याओं को हल करने के बजाय प्रतीकात्मक राजनीति में व्यस्त है? जब जनता बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग कर रही है, तब यह कदम राज्य की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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