#रांची #राजनीति : बाबूलाल मरांडी ने कहा- सबूत मिटाने की कोशिश, मुख्यमंत्री को जवाब देना होगा
- आधी रात को एसीबी ने उत्पाद विभाग से ट्रक भरकर दस्तावेज हटाए।
- बाबूलाल मरांडी ने कार्रवाई को संदिग्ध और गुप्त करार दिया।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा- दस्तावेज आधी रात में क्यों हटाए गए।
- आरोप- भ्रष्टाचार और घोटालों के सबूत मिटाने की कोशिश।
- पारदर्शी जांच की मांग और चेतावनी- सच्चाई एक दिन सामने आएगी।
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बड़ा आरोप लगाते हुए दावा किया कि एसीबी (ACB) ने आधी रात को उत्पाद विभाग से ट्रक भरकर दस्तावेज गुपचुप तरीके से हटा दिए। उन्होंने इस कार्रवाई को न केवल संदिग्ध बल्कि सियासी साजिश करार दिया और कहा कि यह किसी सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था।
बाबूलाल मरांडी के आरोप
मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीधा घेरते हुए सवाल उठाया कि आखिर दस्तावेजों को रातों-रात हटाने की ऐसी क्या मजबूरी थी? उन्होंने दावा किया कि यह कदम कुछ प्रभावशाली राजनीतिक चेहरों और अधिकारियों को बचाने के लिए उठाया गया है।
मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों की संभावित जांच से पहले सबूतों को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।
प्रक्रिया पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी सवाल खड़ा किया कि क्या किसी भी विभाग से दस्तावेज बिना फोटोकॉपी और जब्ती सूची बनाए हटाए जा सकते हैं? उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि जनहित से जुड़े साक्ष्य सुरक्षित रखे जाएं।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पहले भी एसीबी ने कुछ फाइलें उठाई थीं, जिसके चलते शराब दुकानों के आवंटन में बाधा आई और राज्य को संभावित राजस्व हानि उठानी पड़ी।
पारदर्शी जांच की मांग
मरांडी ने मांग की कि सरकार इस पूरे मामले की पारदर्शी जांच कराए और बताए कि आखिर किसके आदेश पर यह कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ईमानदार है तो उसे इस मामले में जनता के सामने आकर जवाब देना चाहिए।
चेतावनी और सियासी संदेश
बाबूलाल मरांडी ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि चाहे कितनी भी चालाकी क्यों न की जाए, सच्चाई एक दिन सामने आएगी और भ्रष्टाचार का पूरा खेल जनता के सामने बेनकाब होगा।
न्यूज़ देखो: सियासी आरोपों के बीच पारदर्शिता का सवाल
झारखंड की राजनीति में यह विवाद एक बार फिर पारदर्शिता और सुशासन की बहस को जन्म दे रहा है। आधी रात की इस कार्रवाई ने जनता के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिरकार दस्तावेजों की सुरक्षा और जांच की प्रक्रिया कितनी विश्वसनीय है।
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जवाबदेही तय करना जरूरी
अब समय है कि शासन और प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करें कि भ्रष्टाचार पर अंकुश और जनहित की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहे। लोकतंत्र में जवाबदेही ही असली ताकत है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी इस मुद्दे से जुड़ सकें।