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आतंकी हमले पर राजनीति गरमाई : बाबूलाल मरांडी का कांग्रेस और खरगे पर जोरदार प्रहार

#रांची #बाबूलालमरांडी #प्रतिक्रिया – खरगे के बयान के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस की मंशा पर उठाए सवाल, सेना के मनोबल को बताया नुकसानदायक

आतंकी हमले के बाद कांग्रेस की रैली पर भाजपा का त्वरित जवाब

रांची में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा केंद्र सरकार की आतंकवादी हमले को लेकर की गई टिप्पणी अब राजनीतिक विवाद का बड़ा मुद्दा बन गई है। खरगे ने कहा था कि केंद्र सरकार को पहले से हमले की जानकारी थी, जिसे लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है।

मरांडी का बयान : दोहरी राजनीति और अफवाहों की साजिश

बाबूलाल मरांडी ने साफ शब्दों में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा:

“आख़िरकार आज समझ आ ही गया कि ‘संविधान बचाओ’ की आड़ में कांग्रेस वास्तव में करना क्या चाहती है।”
“सर्वदलीय बैठक में साथ देने की बात करने के बाद सार्वजनिक मंच से भ्रम फैलाना, कांग्रेस की अवसरवादी राजनीति को दर्शाता है।”

उन्होंने कांग्रेस की तुलना उन दिनों से की जब देश में लगातार सीरियल बम धमाके होते थे। उन्होंने कहा कि:

“जब कांग्रेस की सरकार थी, तब दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, वाराणसी जैसे शहर आतंक के साए में रहते थे। लेकिन आज मोदी सरकार में पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारा जाता है।”

खरगे से सवाल : इंटेलिजेंस रिपोर्ट का स्रोत बताएं या माफ़ी मांगें

मरांडी ने खरगे से मांग की कि अगर उनके पास इंटेलिजेंस रिपोर्ट की जानकारी थी, तो उसे सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करें कि यह खबर उन्होंने कहां पढ़ी या किस सूत्र से प्राप्त की।

“खरगे जी वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उन्हें यह साबित करना होगा कि यह सूचना उन्हें किस अख़बार से मिली और कौन थे वो सूत्र। नहीं तो उन्हें देश की जनता और सरकार से माफी मांगनी चाहिए।”

सेना के मनोबल पर प्रहार, पाकिस्तान को परोक्ष समर्थन का आरोप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनका यह बयान सीमा पर तैनात जवानों और सुरक्षा एजेंसियों के मनोबल को तोड़ने वाला है। उन्होंने इसे एक तरह से पाकिस्तान की मदद करने वाला बयान करार दिया।

“जब पूरा देश दुख और आक्रोश में है, तब कांग्रेस ऐसे बयान देकर देश के भीतर दरार पैदा कर रही है। यह अगर देशद्रोह नहीं है, तो क्या है?”

कांग्रेस को सलाह : अल जज़ीरा पढ़ना बंद करें

मरांडी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी सोच पर पुनर्विचार करना चाहिए और विदेशी नैरेटिव को अपनाने से बचना चाहिए।

“और अंत में कांग्रेस नेताओं से एक नम्र निवेदन… अल जज़ीरा पढ़ना छोड़ दीजिए।”

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