Latehar

मायापुर पंचायत के जामुनताड़ में घटिया मटेरियल से हो रही ढलाई: धूमकुड़िया भवन की गुणवत्ता पर उठे गंभीर सवाल

Join News देखो WhatsApp Channel
#गारू #भ्रष्टाचार_मामला : बिना अभियंताओं की निगरानी में हुई ढलाई – मजदूरों को कम मजदूरी, घटिया मटेरियल से निर्माण पर ग्रामीणों में रोष
  • गारू प्रखंड के मायापुर पंचायत अंतर्गत जामुनताड़ गांव में धूमकुड़िया भवन निर्माण कार्य पर उठे सवाल।
  • आरोप कि ढलाई में घटिया सीमेंट, जंग लगी छड़ और गलत अनुपात में बालू-गिट्टी का उपयोग किया गया।
  • जेई और एई की अनुपस्थिति में की गई ढलाई ने निर्माण की पारदर्शिता पर उठाए सवाल।
  • मजदूरों को निर्धारित दर से कम मजदूरी, मात्र ₹300 प्रति दिन भुगतान किया गया।
  • मुखिया सुभाष कुमार सिंह और ग्राम प्रधान अनुज ने मामले की जांच की मांग की।

गारू प्रखंड के मायापुर पंचायत स्थित जामुनताड़ गांव में चल रहे धूमकुड़िया भवन निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। जानकारी के अनुसार, योजना के तहत हो रहे इस भवन की ढलाई में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे इसकी मजबूती और दीर्घकालिक टिकाऊपन पर सवाल खड़े हो गए हैं।

बिना अभियंता की निगरानी में हुई ढलाई, गुणवत्ता पर सवाल

स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान कनीय अभियंता (JE) और सहायक अभियंता (AE) दोनों ही मौजूद नहीं थे। बिना तकनीकी पर्यवेक्षण के ढलाई कर दी गई, जो विभागीय नियमों का सीधा उल्लंघन है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तकनीकी अधिकारी ही मौजूद नहीं थे, तो यह कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है कि ढलाई मानक के अनुसार हुई हो।

घटिया सामग्री से समझौता, भवन की मजबूती पर संकट

जानकारी के मुताबिक निर्माण में जंगरोधक सीमेंट की जगह सस्ती लोकल सीमेंट, और कमजोर जंग लगी छड़ का इस्तेमाल किया गया है। सीमेंट, बालू और गिट्टी का अनुपात भी सही नहीं रखा गया, जिससे भविष्य में भवन के उखड़ने या दरार आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार ने सिर्फ काम पूरा करने की जल्दबाजी में गुणवत्ता की अनदेखी की है।

मजदूरों के साथ अन्याय, निर्धारित दर से कम भुगतान

मजदूरों ने बताया कि उन्हें निर्धारित सरकारी दर के अनुसार मजदूरी नहीं दी जा रही है। प्रतिदिन सिर्फ ₹300 मजदूरी दी जा रही है, जबकि नियम के अनुसार इससे अधिक भुगतान किया जाना चाहिए। इससे मजदूरों में भी असंतोष है।

जनप्रतिनिधियों ने की जांच की मांग

इस मामले पर मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष सह मायापुर मुखिया सुभाष कुमार सिंह ने कहा कि शिकायतें गंभीर हैं और इस पर कार्रवाई जरूरी है।

सुभाष कुमार सिंह ने कहा: “शिकायतें गंभीर हैं। मामले की जांच कराई जाएगी और यदि निर्माण कार्य में अनियमितता पाई गई तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।”

वहीं मायापुर ग्राम प्रधान अनुज ने भी पारदर्शिता पर सवाल उठाए और कहा कि यह मामला जांच का विषय है।

अनुज ने कहा: “यह मामला जांच का विषय है। इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।”

ग्रामीणों ने की प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वे इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और भवन की गुणवत्ता की जांच करवाएं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अभी सुधार नहीं किया गया तो भविष्य में यह भवन जनता के पैसों पर बना एक कमजोर ढांचा बनकर रह जाएगा।

न्यूज़ देखो: सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर फिर सवाल

जामुनताड़ का यह मामला दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में निगरानी की कमी अब भी एक बड़ी समस्या है। यदि अभियंताओं और विभागीय अधिकारियों की भूमिका सक्रिय नहीं रही तो विकास कार्यों की गुणवत्ता हमेशा संदेह के घेरे में रहेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जिम्मेदारी निभाएं और सवाल उठाएं

जनता के धन से बन रहे हर निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्रशासन और ठेकेदार दोनों की जिम्मेदारी है। अब वक्त है कि नागरिक भी सजग होकर ऐसे मामलों पर अपनी आवाज उठाएं। सजग रहें सक्रिय बनें।
अपनी राय कमेंट करें खबर को दोस्तों तक साझा करें और पारदर्शिता की इस मांग को मजबूत बनाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: