Site icon News देखो

पूर्ण रूप से वैदिक है श्री संप्रदाय: जगद्गुरु स्वामी दामोदर प्रपन्नाचार्य का प्रवचन

गढ़वा: गढ़वा शहर के चिनियां मोड़ स्थित मां काली मंदिर के समीप श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन भक्तिमय वातावरण में जारी है। पांच दिवसीय इस महायज्ञ का संचालन जगद्गुरु स्वामी दामोदर प्रपन्नाचार्य जी की देखरेख में हो रहा है। वैदिक मंत्रोच्चार, पूजन और संतों के प्रवचनों से श्रद्धालु अध्यात्म की गहराई में गोता लगा रहे हैं। महायज्ञ की शुरुआत जलयात्रा के साथ हुई थी, जिसके बाद अरणि मंथन से अग्नि प्राकट्य और यज्ञशाला में पूजन एवं हवन का क्रम चल रहा है। महायज्ञ 15 दिसंबर को पूर्णाहुति के साथ संपन्न होगा।

जगद्गुरु का प्रवचन:
गुरुवार को प्रवचन देते हुए जगद्गुरु स्वामी दामोदर प्रपन्नाचार्य जी ने श्री संप्रदाय की वैदिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “श्री संप्रदाय पूर्ण रूप से वैदिक है। लक्ष्मी जी के अनेकों नाम हैं, लेकिन श्री नाम ही सर्वोच्च है। श्री संप्रदाय के दर्शन विशिष्टाद्वैत पर आधारित हैं, और इसमें भगवद् आराधना की पद्धति पांचरात्रागम है।”

उन्होंने बताया कि श्री संप्रदाय तर्क और प्रमाण पर आधारित होता है और किसी भी वाक्य को स्वीकारने से पहले उसका वैदिक प्रमाण आवश्यक है।

श्रद्धालुओं की भीड़ और योगदान:
देशभर से आए विद्वानों और प्रवक्ताओं के बीच प्रसिद्ध मानस प्रवक्ता डॉ. दीपक त्रिपाठी के संगीतमय प्रवचन से श्रद्धालु भावविभोर हो रहे हैं। महायज्ञ को सफल बनाने में समाजसेवी अमृत शुक्ला और नवयुवकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

महायज्ञ का महत्व:
इस आयोजन से धर्म, अध्यात्म और सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया जा रहा है। श्रद्धालु यज्ञशाला की परिक्रमा कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

उल्लेखनीय:
इस महायज्ञ ने गढ़वा के श्रद्धालुओं और आसपास के क्षेत्रों के भक्तों को एकजुट किया है, जो धार्मिक आस्था और उत्साह का प्रतीक है।

Exit mobile version