#गारू #ग्रामीणसड़कसमस्या : बारेसांड से तिसिया तक की सड़क में गड्ढे, कीचड़ और खतरे ही खतरे — बरसात में संकट और गहरा
- बारेसांड से तिसिया तक की ग्रामीण सड़क की हालत बेहद खराब
- यह सड़क SH-9 से जुड़ती है, जो ग्रामीणों के लिए जीवनरेखा है
- बरसात में कीचड़ और जलजमाव से स्कूली बच्चों, मरीजों को जबरदस्त परेशानी
- सड़क पर गड्ढों और खाइयों के कारण पैदल चलना भी जोखिम भरा
- ग्रामीणों ने कई बार विभाग से शिकायत की, पर अब तक नहीं हुई मरम्मत
- जिला प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप की ग्रामीणों ने लगाई गुहार
ग्रामीण सड़क से टूटी जीवनरेखा
लातेहार जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत बारेसांड से तिसिया तक की ग्रामीण सड़क की हालत इन दिनों बेहद जर्जर हो चुकी है। यह सड़क झुमरी, टेनटांड, तिलैयाटांड और मंगरा जैसे गांवों को जोड़ती है और राज्य उच्च पथ SH-9 से मिलती है। यही वजह है कि यह मार्ग इन इलाकों के लिए जीवनरेखा के समान है।
परंतु मौजूदा समय में इस सड़क पर चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे, धंसी हुई परतें, और बहते पानी के कारण वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है।
बरसात में और बढ़ी मुश्किलें
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में यह रास्ता पूरी तरह कीचड़ और पानी से भर जाता है। ऐसे में स्कूली बच्चों, वृद्धों और मरीजों को गांव से बाहर निकलने में भारी कठिनाई होती है। एंबुलेंस तक गांव में नहीं पहुंच पाती, जिससे बीमार लोगों को खाट पर लादकर SH-9 तक पहुंचाना पड़ता है।
स्थानीय ग्रामीण रमेश उरांव ने बताया: “पिछले कई सालों से हम सड़क मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग आंख मूंदे बैठा है। बरसात में हालात और बदतर हो जाते हैं।”
विभाग की अनदेखी से ग्रामीणों में नाराजगी
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारियों को आवेदन दिए हैं, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे गांववालों में गहरी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि विकास कार्यों के दावे तब तक खोखले हैं जब तक ऐसी बुनियादी समस्याएं नहीं सुलझतीं।
गांव की महिला प्रतिनिधि सुनीता देवी ने कहा: “हमारे बच्चे स्कूल जाने में डरते हैं। कई बार गिरकर घायल हो चुके हैं। प्रशासन ध्यान नहीं देगा तो आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।”
ग्रामीणों की जिला प्रशासन से अपील
बारेसांड, तिसिया और आसपास के ग्रामीणों ने लातेहार जिला प्रशासन से SH-9 से जुड़ने वाली इस ग्रामीण सड़क की मरम्मत अविलंब कराने की मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान स्थिति में यह मार्ग जानलेवा बन चुका है और अगर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।


न्यूज़ देखो: जमीनी हकीकत से उठती पीड़ा की पुकार
न्यूज़ देखो इस बदहाल सड़क को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठाता है। यह खबर सिर्फ सड़कों की खस्ताहाली की नहीं, बल्कि गांव की जिंदगियों की परेशानी की है। अगर ऐसी बुनियादी समस्याएं आज भी बनी हुई हैं, तो विकास के दावों पर पुनः सोचने की जरूरत है। न्यूज़ देखो आगे भी इस मामले की निगरानी करता रहेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सकारात्मक सोच से बदलाव संभव
एक अच्छी सड़क सिर्फ यातायात का मार्ग नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार का माध्यम भी होती है। आइए, हम सभी ऐसे मुद्दों पर आवाज उठाएं, साझा करें, और अपने जनप्रतिनिधियों तक जनता की समस्याएं पहुंचाएं। इस खबर को उन दोस्तों और परिवारजनों के साथ जरूर साझा करें जो ग्रामीण विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए सजग हैं।