#Palamu #CourtVerdict : जमीन विवाद से शुरू हुआ विवाद, अब मिला न्याय — अदालत ने दिखाई सख्ती
- सदर थाना कांड संख्या 409/2015 में बड़ा फैसला।
- आरोपी प्रदीप यादव को 05 साल सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना।
- जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा।
- मामला 04 जुलाई 2015 को हुए मारपीट कांड से जुड़ा।
- घटना में महिला को लाठी-डंडे और रड़ से गंभीर चोटें आई थीं।
पलामू जिला मुख्यालय डालटनगंज में 10 साल पुराने एक सनसनीखेज मामले का फैसला आ गया है। सदर (शहर) थाना कांड संख्या 409/2015 में माननीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-02 के न्यायालय ने अभियुक्त प्रदीप यादव, पिता स्वर्गीय दुखी यादव, निवासी बारालोटरा, जीएलए कॉलेज गेट, थाना शहर, जिला पलामू को भादवि की धारा 326 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि जुर्माना राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो अभियुक्त को अतिरिक्त एक वर्ष की कारावास भुगतनी होगी। यह फैसला 1 अगस्त 2025 को सुनाया गया।
घटना की शुरुआत 04 जुलाई 2015 को दोपहर 3:30 बजे हुई थी। वादिनी अपने जमीन पर घर का निर्माण करा रही थी। इसी दौरान अभियुक्त प्रदीप यादव वहां पहुंचा और निर्माण कार्य को रोकने का प्रयास किया। विरोध करने पर उसने लाठी-डंडा और रड़ से वादिनी पर हमला कर दिया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।
प्राथमिकी वादिनी के लिखित आवेदन के आधार पर दर्ज की गई थी। मामले का अनुसंधान सहायक अवर निरीक्षक रघुनंदन पासवान ने किया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार: “मामले में पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दोषी ठहराया और कानून के तहत सजा सुनाई।”
कानूनी धाराएं और केस की प्रगति
इस मामले में आरोप भादवि की धारा 147, 148, 149, 341, 323, 326, 304, 506 के तहत लगाए गए थे। हालांकि, सुनवाई के बाद अदालत ने धारा 326 के तहत सजा सुनाई। यह धारा गंभीर चोट पहुंचाने से संबंधित है, जिसकी अधिकतम सजा 10 साल तक हो सकती है।
जिला प्रशासन और अभियोजन विभाग की भूमिका
अभियोजन विभाग ने सशक्त पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप इस पुराने मामले में न्याय मिला। पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पलामू के अभियोजन कोषांग ने बताया कि इस तरह के फैसले समाज में कानून का भय बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।
न्यूज़ देखो: देर से सही, न्याय हुआ
यह फैसला उन लोगों के लिए सबक है जो जमीन विवाद को हिंसा में बदल देते हैं। 10 साल पुराने मामले में न्याय मिलने से पीड़िता को राहत मिली है और समाज में संदेश गया है कि कानून का डंडा भले देर से चले, पर चलता जरूर है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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कानूनी प्रक्रियाएं समय लेती हैं, लेकिन न्याय की राह पर विश्वास बनाए रखें। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय कमेंट में दें और समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को जागरूक करें।