- स्थान: पटना, बिहार।
- आमरण अनशन: प्रशांत किशोर 2 जनवरी से BPSC छात्रों की मांगों को लेकर अनशन पर।
- स्वास्थ्य स्थिति: 7 जनवरी को बिगड़ी तबियत, ICU में भर्ती।
- पार्टी प्रतिनिधिमंडल: मुख्य सचिव से पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुलाकात।
- JDU का आरोप: अनशन को राजनीति चमकाने का ड्रामा बताया।
पटना: जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर 2 जनवरी से BPSC छात्रों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं। 7 जनवरी को उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया। इस बीच, पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में 8 जनवरी को एक प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाला मीणा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल में MLC अफाक अहमद, पूर्व सांसद सीताराम यादव, पूर्व विधायक किशोर कुमार, सेवानिवृत अधिकारी अरविंद ठाकुर, ललन यादव और एन.के. मंडल शामिल थे।
ज्ञापन की मुख्य मांगें:
- 70वीं BPSC परीक्षा में अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कर पुनः परीक्षा कराई जाए।
- 2015 के तहत 18-35 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
- पिछले 10 वर्षों में हुई प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं और पेपर लीक की जांच कर श्वेत पत्र जारी किया जाए।
- दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कर बिहार को लाठितंत्र से बचाया जाए।
- सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं के लिए दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित कर डोमिसाइल नीति लागू की जाए।
मनोज भारती का बयान:
ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में मनोज भारती ने कहा कि सरकार को छात्रों की मांगों पर तुरंत विचार करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की पहल की मांग की। JDU के आरोपों पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “आरोप–प्रत्यारोप के बदले वे खुद छात्रों की मांगों को लेकर सत्याग्रह करें, फिर हम जवाब देंगे।”
JDU का आरोप:
JDU ने प्रशांत किशोर के अनशन को राजनीति चमकाने का ड्रामा करार दिया।
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