
#गढ़वा #कॉफीविदएसडीएम — प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को मिला प्रशासनिक मार्गदर्शन
- एसडीएम संजय कुमार ने प्रतियोगी छात्रों से की अनौपचारिक बातचीत, साझा किए सफलता के मूल मंत्र
- किताबों की सही समझ, वैकल्पिक विषय चयन और करंट अफेयर पर दी उपयोगी सलाह
- सरकारी पोर्टल्स को बताया अध्ययन का सबसे प्रमाणिक स्रोत
- ऑनलाइन स्टडी में सावधानी और एनसीईआरटी की अहमियत पर दिया जोर
- छात्रों की समस्याएं भी सुनीं, पुस्तकालय और पढ़ाई की सुविधाओं पर चर्चा
- सभी प्रतिभागियों को पेन व कॉपी देकर किया प्रोत्साहित
प्रशासनिक अनुभव और पढ़ाई की दिशा पर मार्गदर्शन
गढ़वा अनुमंडल कार्यालय में आयोजित “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में बुधवार को एसडीएम संजय कुमार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे करीब 50 छात्रों के साथ संवाद किया। यह अनौपचारिक बैठक न केवल प्रेरणा से भरपूर रही, बल्कि छात्रों को तैयारी के व्यावहारिक पहलुओं पर भी स्पष्टता मिली।
एसडीएम ने अपनी बातों से यह समझाया कि असली सफलता का रास्ता केवल पढ़ने से नहीं, सही दिशा में पढ़ने से बनता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि किताबों की अधिकता नहीं, गुणवत्ता और दोहराव सबसे महत्वपूर्ण हैं।
“हर विषय के लिए एक या दो मानक पुस्तकें ही काफी होती हैं, लेकिन उन्हें गहराई से समझना जरूरी है।” — संजय कुमार, एसडीएम गढ़वा
वैकल्पिक विषय चुनते समय आत्ममंथन जरूरी
बातचीत के दौरान जब छात्रों ने सिविल सेवा के लिए वैकल्पिक विषय चयन को लेकर सवाल पूछे, तो एसडीएम ने कहा कि यह निर्णय आपकी रुचि, समझ और पिछले वर्षों के सफलता दर के आधार पर होना चाहिए।
“अगर विषय से लगाव नहीं होगा, तो लंबे समय तक उसमें टिकना मुश्किल हो जाएगा।” — संजय कुमार
इस सलाह ने वहां मौजूद कई छात्रों की दुविधा को दूर किया।
करंट अफेयर्स के लिए सरकारी पोर्टल्स ही सबसे भरोसेमंद
करंट अफेयर की तैयारी के सवाल पर एसडीएम ने साफ कहा कि इंटरनेट पर बहुत सी भ्रामक जानकारी होती है, जिससे बचना चाहिए। उन्होंने इंडियन पार्लियामेंट, बजट पोर्टल, इकोनॉमिक सर्वे, इंडियन कोड, पर्यावरण मंत्रालय की वेबसाइट जैसे सरकारी पोर्टल्स से तैयारी करने की सलाह दी।
“जहां तथ्य जरूरी हों, वहां सरकारी वेबसाइट्स ही आखिरी सच होती हैं।” — संजय कुमार
एनसीईआरटी और डिजिटल विकल्पों पर भी की गई चर्चा
छात्रों ने जब किताबों की उपलब्धता की समस्या बताई, तो एसडीएम ने उन्हें दीक्षा ऐप और ई-पाठशाला पोर्टल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी किताबें हर विषय की मजबूत नींव रखने के लिए पर्याप्त हैं।
“जो विद्यार्थी आज एनसीईआरटी नहीं पढ़ते, वो बेसिक समझ में कमजोर रह जाते हैं।” — संजय कुमार
पुस्तकालय की समस्याएं और प्रशासन की तत्परता
अनुमंडलीय पुस्तकालय में अंग्रेजी माध्यम की किताबों की कमी और पार्किंग की समस्या जैसे मुद्दों को भी छात्रों ने उठाया। एसडीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए जल्द समाधान का भरोसा दिया और यह भी कहा कि पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षा की दिशा में जरूरी बदलाव लाए जाएंगे।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को कॉपी और पेन उपहार में देकर उन्हें आगे की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया गया।





न्यूज़ देखो : युवा सोच और प्रशासन के संवाद का सेतु
गढ़वा जैसे जिले में “कॉफी विद एसडीएम” जैसा आयोजन यह साबित करता है कि प्रशासन अब युवाओं के करीब आकर उन्हें दिशा देना चाहता है। ‘न्यूज़ देखो’ इसी तरह की सकारात्मक पहलों को आपके सामने लाता रहेगा — हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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