
#चंदवा #मानवीयसहानुभूति : तालाब हादसे में मारे गए दो मासूमों के परिवार से मिले भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव – कहा, प्रशासन की चुप्पी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण
- चंदवा प्रखंड के रक्सी गांव में तालाब में डूबकर दो मासूमों की मौत से मचा शोक।
- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गांव पहुंचकर मृतक परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया।
- प्रतुल ने कहा – “प्रशासन द्वारा अब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण।”
- हादसे में बच्चे दादी को बचाने की कोशिश में तालाब में डूब गए, पिता मजदूरी के लिए कन्याकुमारी में।
- प्रतुल ने प्रशासन से तात्कालिक मुआवजा और सुरक्षा उपायों की मांग की।
चंदवा प्रखंड के रक्सी गांव में हाल ही में हुए दर्दनाक तालाब हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इसी घटना में दो मासूम बच्चों ने अपनी डूबती हुई दादी को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा दी थी। गुरुवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव गांव पहुंचे और शोकाकुल परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
शोक में डूबे परिवार से की संवेदनापूर्ण मुलाकात
प्रतुल शाहदेव ने मृतक बच्चों के परिजनों से मुलाकात कर कहा कि यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए चेतावनी भी है। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई, उनके पिता मजदूरी के लिए कन्याकुमारी गए हुए हैं और वे अपने बच्चों के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए।
प्रतुल शाहदेव ने कहा: “यह स्थिति किसी भी माता-पिता के लिए असहनीय है। दो मासूमों ने अपनी दादी को बचाने का साहसिक प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से वे खुद इस हादसे का शिकार बन गए। यह पीड़ा शब्दों में व्यक्त नहीं की जा सकती।”
प्रशासन की लापरवाही पर जताई कड़ी नाराजगी
प्रतुल शाहदेव ने प्रशासनिक उदासीनता पर गहरा आक्रोश जताते हुए कहा कि घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद ना कोई अधिकारी गांव पहुंचा है, ना ही कोई तात्कालिक राहत राशि या खाद्यान्न सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि “सिर्फ थोड़ा सा अनाज और नमक डीलर से भेजवाया गया — यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।”
उन्होंने कहा: “प्रशासन की यह चुप्पी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन परिवारों ने अपनी संतानें खोई हैं, उन्हें तुरंत आर्थिक सहायता, राशन और पुनर्वास की जरूरत है।”
तालाबों की सुरक्षा को लेकर उठाई गंभीर मांग
प्रतुल शाहदेव ने इस मौके पर जिले में फैले अनियंत्रित जलभराव और तालाबों की असुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हुई अतिवृष्टि के कारण जिले के अधिकांश तालाब और बांध लबालब भरे हुए हैं, जिससे किसी भी समय बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे सभी तालाबों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और सावधानी संबंधी बोर्ड, सीमांकन और बाड़बंदी के उपाय तत्काल किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को तालाबों और जलाशयों की सुरक्षा को लेकर दीर्घकालिक नीति बनानी चाहिए ताकि इन प्राकृतिक संसाधनों के कारण किसी निर्दोष की जान न जाए।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दी मौजूदगी
इस दौरान प्रतुल शाहदेव के साथ अजीत शाहदेव, बल्कू मुंडा, सोहराई गंजू, आशीष कुमार सिंह, संतोष, रोहित शाहदेव समेत अन्य स्थानीय कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। सभी ने संयुक्त रूप से प्रशासन से आग्रह किया कि रक्सी गांव की इस घटना को सिर्फ एक हादसा न माना जाए, बल्कि इसे सिस्टम की जिम्मेदारी के रूप में लिया जाए।
न्यूज़ देखो: मानवता से बड़ी कोई राजनीति नहीं
रक्सी गांव की यह दर्दनाक घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आपदा के समय प्रशासन की तत्परता ही असली मानवीय सेवा है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का गांव पहुंचना संवेदनशील राजनीति का उदाहरण है, परंतु सवाल यह है कि क्या प्रशासन ऐसी त्रासदियों से कोई सबक लेगा? जनता उम्मीद करती है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराई जाए।
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संवेदनशील प्रशासन ही दे सकता है समाज को सुरक्षा की गारंटी
यह हादसा हमें याद दिलाता है कि एक छोटी सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी बन सकती है। ज़रूरत है कि हर गांव में तालाबों के आसपास सुरक्षा इंतज़ाम हों और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएं। आइए, मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने की पहल करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और प्रशासन तक पीड़ितों की आवाज पहुंचाएं।




