गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र के टाटीदीरी गांव की रहने वाली 18 वर्षीय रेखा कुमारी ने न्याय के लिए लंबा संघर्ष किया है। रेखा का आरोप है कि मेराल थाना क्षेत्र के देवगाना गांव के निवासी सुजीत प्रजापति ने उसे शादी का झांसा देकर करीब एक साल पहले शारीरिक संबंध बनाए। इसका नतीजा यह हुआ कि रेखा गर्भवती हो गई। जब उसने इस बारे में सुजीत को बताया, तो उसने बच्चा होने के बाद शादी करने का वादा किया।
बच्चे के जन्म के बाद भी मुकरा आरोपी
1 अगस्त को रेखा ने एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन जब उसने सुजीत से शादी की बात की, तो उसने साफ इनकार कर दिया। सुजीत का दावा था कि बच्चा उसका नहीं है। इस धोखे से आहत रेखा ने धुरकी थाना में सुजीत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
धरना देने को हुई मजबूर
थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद जब पुलिस कार्रवाई में देरी हुई, तो रेखा ने सुजीत के घर के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। यह धरना लगभग एक महीने तक चला। इस दौरान रेखा ने कई बार प्रशासन और पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
प्रशासन ने दिया आश्रय का सुझाव
सोमवार को मेराल थाना प्रभारी और गढ़वा महिला थाना प्रभारी ने रेखा से मुलाकात की और उसे आश्रय गृह में रहने का सुझाव दिया। हालांकि, रेखा ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उसने प्रशासन से मांग की कि उसे और उसके बच्चे को सुजीत की जिम्मेदारी में रखा जाए, क्योंकि सुजीत ने ही उसे इस स्थिति में डाला है।
कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी ने उठाई जिम्मेदारी
प्रशासन के प्रयासों के बाद कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी संस्था ने रेखा और उसके बच्चे को सुरक्षा और आश्रय देने की जिम्मेदारी उठाई। संस्था के सचिव विकास माली ने कहा कि रेखा को कोर्ट के आदेश आने तक पूरी सुरक्षा और हर संभव मदद दी जाएगी।
न्याय की उम्मीद अभी बाकी
फिलहाल, रेखा और उसका बच्चा सुरक्षित हैं, लेकिन न्याय की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। रेखा का कहना है कि वह सुजीत से शादी और अपने बच्चे के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेगी।