
#हुसैनाबाद #धार्मिक_आयोजन : लंगरकोट मुरली पहाड़ी शिव धाम में 18 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले महायज्ञ की तैयारी बैठक सम्पन्न
- श्री श्री 108 राघवेंद्र आचार्य फलहारी बाबा महाराज जी हरिद्वार की अध्यक्षता में महायज्ञ की तैयारी बैठक।
- शिवलिंग स्थापना 20 फरवरी 2026 को संपन्न होगी।
- यज्ञ का शुभारंभ 18 फरवरी 2026 को जल यात्रा से और समापन 26 फरवरी 2026 को होगा।
- कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक जागरूकता फैलाना और शिव भक्ति को बढ़ावा देना।
- आयोजन के दौरान हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई।
हुसैनाबाद के लंगरकोट मुरली पहाड़ी महाकालेश्वर शिव धाम परिसर में आगामी शिव शक्ति प्राण प्रतिष्ठा विराट महायज्ञ की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता श्री श्री 108 राघवेंद्र आचार्य फलहारी बाबा महाराज जी हरिद्वार ने की, जबकि उनके सहयोगी शीश श्री गोविंद आचार्य बाल योगी जी भी उपस्थित रहे। बैठक में यज्ञ के आयोजन की रूपरेखा और धार्मिक अनुष्ठानों के शुभ मुहूर्त तय किए गए।
महायज्ञ का कार्यक्रम
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 18 फरवरी 2026 को जल यात्रा निकाली जाएगी, 19 फरवरी को पूजा-पाठ एवं भजन-कीर्तन का आयोजन होगा। 20 फरवरी 2026 को शिवलिंग स्थापना संपन्न होगी और 26 फरवरी 2026 को विराट यज्ञ का समापन होगा। इस आयोजन का उद्देश्य समाज में धार्मिक जागरूकता फैलाना, शिव भक्ति को बढ़ावा देना और मुरली पहाड़ी परिसर को एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करना है।
श्री श्री 108 राघवेंद्र आचार्य फलहारी बाबा महाराज जी ने कहा: “यह महायज्ञ समाज में आध्यात्मिक चेतना को प्रबल करने और शिव भक्ति को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण प्रयास है। हम चाहते हैं कि श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेकर आस्था और संस्कृति को महसूस करें।”
उपस्थित गणमान्य और आयोजन सहयोग
बैठक में महंत विनय कुमार सिंह त्यागी, दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष सुदेश्वर प्रसाद गुप्ता, दिनेश्वर चौधरी, वार्ड सदस्य अरविंद कुमार शर्मा, बब्लू कुमार पटेल, राजा सिंह, गुप्तेश्वर शर्मा, अरुण कुमार सिंह, राहुल कुमार ठाकुर, भरदुल ठाकुर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सामूहिक सहयोग का आश्वासन दिया। स्थानीय लोगों में महायज्ञ को लेकर उत्साह का माहौल देखा गया।
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यह आयोजन दर्शाता है कि स्थानीय समुदाय और धार्मिक नेता मिलकर समाज में आध्यात्मिक चेतना और धार्मिक संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रशासन और समिति का सक्रिय सहयोग आयोजन की सफलता सुनिश्चित करेगा।
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प्रेरक समापन और सामुदायिक भागीदारी
स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों का सहयोग ऐसे आयोजनों को सफल बनाने में बेहद महत्वपूर्ण है। सभी श्रद्धालु समय पर भाग लें, सहयोग करें और महायज्ञ के उद्देश्यों को अपनाएँ। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और धर्म, संस्कृति और समाज में सक्रिय भागीदारी का संदेश फैलाएँ।