
#पीरटांड़ #आदि_कर्मयोगी : प्रखंड स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर अधिकारियों को ग्रामीण शिविर संचालन के लिए प्रशिक्षित किया गया
- पीरटांड़ प्रखंड स्तर पर आदि कर्मयोगी अभियान के तहत 8 और 9 सितंबर को आदिवासी बहुल पंचायतों में विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।
- शनिवार को प्रखंड सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रखंड और अंचल के सभी प्रशासनिक अधिकारी और कर्मी शामिल हुए।
- स्वास्थ्य विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, बाल विकास विभाग और पंचायत सचिवों को प्रशिक्षित किया गया कि वे शिविर में ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दर्ज करें।
- अधिकारियों ने माना कि “किसरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के बावजूद पीरटांड़ में अब भी सैकड़ों लोग योजनाओं के लाभ से वंचित हैं।
- इस बार शिविर में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं होगी और पूरा फोकस प्रशासनिक स्तर से समस्याओं के समाधान पर रहेगा।
- मौके पर सीओ ऋषिकेश मरांडी, बीडीओ मनोज कुमार मरांडी, चिकित्सा प्रभारी शशिकांत प्रसाद, रवि कुमार, सुरेंद्र कुमार, अजीत कुमार सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
पीरटांड़ प्रखंड में आदिवासी बहुल पंचायतों में आयोजित होने वाले आगामी शिविर ग्रामीणों की समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करेंगे। कार्यशाला के दौरान अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर यह सुनिश्चित किया गया कि वे गांव के लोगों से प्रभावी संवाद कर उनकी समस्याओं को सही ढंग से दर्ज करें और उनका त्वरित समाधान किया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि इन शिविरों का उद्देश्य केवल शिकायत सुनना नहीं, बल्कि उन्हें वास्तविक रूप से योजनाओं और लाभ से जोड़ना है।
प्रशासनिक तैयारी और प्रशिक्षण
कार्यशाला में स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता और बाल विकास विभाग के अधिकारियों को शिविर संचालन की तकनीकी जानकारी दी गई। प्रत्येक अधिकारी को यह प्रशिक्षण दिया गया कि ग्रामीणों से किस प्रकार सवाल पूछे जाएँ, उनकी समस्याओं को कैसे दर्ज किया जाए और उनका समाधान कैसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिविर का हर पहलू प्रभावी और पारदर्शी रूप से संपन्न हो।
सीओ ऋषिकेश मरांडी ने कहा: “हमारा मुख्य लक्ष्य है कि किसी भी ग्रामीण को योजनाओं और लाभ से वंचित न रहना पड़े। शिविर के माध्यम से सीधे प्रशासन और जनता के बीच संवाद स्थापित होगा।”
शिविर का उद्देश्य और प्रशासनिक दृष्टिकोण
आदि कर्मयोगी अभियान के तहत आयोजित ये शिविर प्रशासनिक स्तर से जनता की समस्याओं को सुनने और उन्हें समाधान प्रदान करने की दिशा में अहम कदम हैं। अधिकारियों ने माना कि पीरटांड़ क्षेत्र में अभी भी कई लोग सरकारी योजनाओं और लाभ से वंचित हैं। इन शिविरों में प्राप्त शिकायतों का रिकॉर्ड बनाकर उनका निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इस बार शिविर में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं होने के कारण प्रशासन पूरी तरह से कार्यकुशलता और पारदर्शिता पर ध्यान देगा।
न्यूज़ देखो: पीरटांड़ में आदिवासी बहुल पंचायतों के लिए प्रशासनिक शिविर
यह पहल दिखाती है कि शासन स्तर पर ग्रामीण समस्याओं के त्वरित समाधान और योजनाओं के वास्तविक लाभ को जनता तक पहुँचाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित होगा कि ग्रामीणों की आवाज़ सीधे अधिकारियों तक पहुंचे और उनका शीघ्र समाधान हो।
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ग्रामीणों की समस्याओं को प्राथमिकता दें
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