
#रमकंडा #दुर्गापूजा : स्टूडेंट ग्रुप के तत्वावधान में होगा 17वां वार्षिक महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल
- चेटे और गम्हरिया गांव में 17वां दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारी शुरू।
- आयोजन की अध्यक्षता पंडित श्रीराम निरेख पांडेय ने बैठक कर की।
- परंपरा के अनुसार दुर्गा पूजा और नवाह्न परायण महायज्ञ का आयोजन होगा।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय प्रतिभाओं को मंच मिलेगा।
- पूजा समिति का पुनर्गठन सर्वसम्मति से किया गया।
रमकंडा प्रखंड के चेटे और गम्हरिया गांव में श्रद्धा और भक्ति का माहौल बनने लगा है। स्टूडेंट ग्रुप के तत्वावधान में श्री दुर्गा पूजा महोत्सव के 17वें वार्षिक उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को आयोजित बैठक में ग्रामीणों ने उत्साह के साथ भाग लिया और सामूहिक सहयोग का भरोसा दिलाया।
बैठक में लिए गए निर्णय
बैठक की अध्यक्षता पंडित श्रीराम निरेख पांडेय ने की। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी परंपरागत ढंग से दुर्गा पूजा और नवाह्न परायण महायज्ञ बड़े श्रद्धा और धूमधाम से आयोजित होगा। आयोजन समिति ने कहा कि महोत्सव न केवल धार्मिक भावना से जुड़ा है, बल्कि यह सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूत करता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी
महोत्सव के दौरान हर साल की तरह इस बार भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें स्थानीय प्रतिभाओं को मंच मिलेगा ताकि वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें। इससे गांव के युवा और बच्चों में आत्मविश्वास और उत्साह दोनों बढ़ेगा।
पूजा समिति का पुनर्गठन
बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया। आयोजन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पूजा समिति का पुनर्गठन किया गया। स्टूडेंट ग्रुप के सभी सदस्य इसमें सक्रिय रूप से शामिल हुए। ग्रामीणों ने भी पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया, जिससे महोत्सव और भी भव्य रूप में संपन्न हो सके।
न्यूज़ देखो: संस्कृति और परंपरा से जुड़े उत्सव का सामाजिक महत्व
दुर्गा पूजा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह समाज को एक सूत्र में बांधने का माध्यम भी है। चेटे-गम्हरिया जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक चेतना जगाने और सामुदायिक सौहार्द को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
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आस्था और एकता का संदेश
दुर्गा पूजा महोत्सव से जहां लोगों की आस्था जुड़ी है, वहीं यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। अब समय है कि हम सब मिलकर इस परंपरा को और सशक्त बनाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि सकारात्मक संदेश और अधिक लोगों तक पहुंचे।