
#सिमडेगा #दुर्गापूजा : एकादशी से शुरू होगा आयोजन, 3 अक्टूबर को होगा प्रतिमा विसर्जन
- दुर्गा पूजा समिति बानो की बैठक दुर्गा पहाड़ी मंदिर में हुई।
- एकादशी से विजयदशमी तक दुर्गा पूजा का आयोजन होगा।
- अष्टमी को धार्मिक नृत्य और नवमी को डांडिया नृत्य का कार्यक्रम।
- विजयदशमी पर रावण दहन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा।
- 3 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन, समिति ने भक्तों से भागीदारी की अपील की।
सिमडेगा: बानो स्थित दुर्गा पूजा समिति की बैठक गुरुवार को दुर्गा पहाड़ी मंदिर परिसर में समिति अध्यक्ष विकास साहू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष दुर्गा पूजा का आयोजन एकादशी से लेकर विजयदशमी तक किया जाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम तय
बैठक में बताया गया कि अष्टमी की संध्या को स्थानीय बच्चों द्वारा धार्मिक नृत्य प्रस्तुति होगी। वहीं नवमी की संध्या पर डांडिया नृत्य का आयोजन किया जाएगा। विजयदशमी के दिन रावण दहन के बाद देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेगा। समिति ने निर्णय लिया कि प्रतिमा विसर्जन 3 अक्टूबर को किया जाएगा।
अध्यक्ष ने भक्तों से की अपील
समिति अध्यक्ष विकास साहू ने माता भक्तों से अपील की कि वे प्रतिमा विसर्जन में बढ़-चढ़कर भाग लें और आयोजन को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं बल्कि समाज को जोड़ने का भी कार्य करते हैं।
कलाकार और प्रस्तुति
सांस्कृतिक कार्यक्रम में लिटिल स्टार म्यूजिकल के कलाकार जैसे चिंता देवी, केशो देवी, सरस्वती बुनकर, कयूम अबास, मिस्टर पंचम राम, बीरेंद्र मिश्रा और रतन बड़ाईक अपनी प्रस्तुति देंगे।
डांस कार्यक्रम में दिव्या एंड संगम और मिस पायल मंच पर रंग बिखेरेंगे।
कार्यक्रम में मांदर सम्राट हुलास अपनी खास प्रस्तुति देंगे।
कार्यक्रम का संचालन संजय उरांव करेंगे, जबकि साउंड सिस्टम की जिम्मेदारी बिनोद साउंड बानो की होगी।
बैठक में मौजूद सदस्य
इस बैठक में गंधर्व सिंह, तिलकु चौरसिया, विश्वनाथ बड़ाईक, टीपी मनोहरण, संतोष साहू, गोविंद साहू, शंकर सिंह, विनोद कश्यप, राकेश पंडा, पंकज साहू, राहुल लूनिया, अंकित साहू, सुकेश सिंह, संतोष द्विवेदी, घनश्याम सिंह, विवेक सिंह, सुखशरण सिंह, सुगंध जायसवाल समेत कई लोग मौजूद रहे।
न्यूज़ देखो: बानो में दुर्गा पूजा बनेगी सांस्कृतिक समागम
दुर्गा पूजा महज धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। बानो में आयोजित होने वाले रावण दहन और सांस्कृतिक कार्यक्रम क्षेत्र की पहचान को नई ऊंचाई देंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था और संस्कृति का संगम बने बानो
यह त्योहार केवल धार्मिक नहीं बल्कि समाज को जोड़ने और नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने का अवसर है। अब समय है कि हम सब मिलकर इस आयोजन को सफल बनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक साझा करें।