
#बरवाडीह #दुर्गापूजा : गांव के लोगों में उमंग, मंदिर परिसर में भव्य तैयारियों का खाका तैयार
- सरईडीह शिव मंदिर में दुर्गा पूजा को लेकर हुई बैठक।
- अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा इस बार होगा अनोखा आयोजन।
- पूजा समिति की नई कमेटी का गठन किया गया।
- गांव गांव से भक्तों को आकर्षित करने की बनी रणनीति।
- कई युवा सदस्य और संरक्षक जुड़े आयोजन की जिम्मेदारी में।
बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के सरईडीह शिव मंदिर में इस वर्ष दुर्गा पूजा भव्य और अनोखे रूप से मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर परिसर में आयोजित बैठक में कमेटी के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में नवनियुक्त समिति का गठन किया गया। बैठक में उपस्थित ग्रामीणों और समिति सदस्यों ने तय किया कि इस बार पूजा का आयोजन ऐसा होगा जिससे आसपास के गांवों के लोग भी आकर्षित होकर सरईडीह शिव मंदिर पहुंचें।
नई कमेटी का गठन और जिम्मेदारियां
बैठक में “दुर्गा पूजा सह श्री श्री 108 दुर्गा पूजा समिति” का गठन किया गया। इसमें अध्यक्ष की जिम्मेदारी ओम प्रकाश गुप्ता को सौंपी गई। उपाध्यक्ष पद पर ललन किशोर सिंह, सचिव के रूप में ऋषिकांत सिंह, उपसचिव पद पर और कोषाध्यक्ष के रूप में आशीष कुमार गुप्ता तथा उपकोषाध्यक्ष पद पर राकेश कुमार को चुना गया। मुख्य संरक्षक की भूमिका में जोखन प्रसाद और उमेश प्रसाद रहेंगे।
इसके साथ ही समिति में सक्रिय सदस्य के तौर पर लल्लन किशोर सिंह, प्रवीण सिंह, अमन सिंह, आशुतोष सिंह, आलोक कुमार सिंह, मुकेश प्रसाद, निरंजन प्रसाद, गिरिजा प्रसाद, शिवेंदु कुमार, अनिल प्रसाद, मंटू कुमार, रंजन प्रसाद, उत्तम प्रसाद, चंदन प्रसाद, विक्रम प्रसाद, बृजेश सिंह, गोलू सिंह, कन्हैया प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, गोल्डन प्रसाद, मुनीम सोनी, तरकांत कुमार, नवल किशोर प्रसाद, प्रकाश सिंह, टुसू कुमार, निरंजन प्रसाद और रोशन कुमार शामिल किए गए।
भक्तों के लिए होगा खास अनुभव
कमेटी के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस बार दुर्गा पूजा को खास रूप दिया जाएगा। मंदिर परिसर को आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए भक्तों को आध्यात्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कराया जाएगा। उनके अनुसार इस आयोजन का उद्देश्य केवल पूजा तक सीमित नहीं बल्कि ग्रामीणों को एक मंच पर लाना भी है।
ग्रामीणों में उत्साह और उम्मीद
बैठक में शामिल लोगों ने कहा कि सरईडीह शिव मंदिर में हर वर्ष दुर्गा पूजा श्रद्धा और आस्था के साथ होती है, लेकिन इस बार खास तैयारियां और योजनाएं इसे अलग बनाती हैं। ग्रामीणों का मानना है कि इससे न सिर्फ धार्मिक माहौल बनेगा बल्कि गांव की पहचान भी और मजबूत होगी।
न्यूज़ देखो: आस्था और संगठन का संगम
सरईडीह शिव मंदिर की दुर्गा पूजा केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक एकता और सामुदायिक भागीदारी का प्रतीक है। इस तरह के भव्य आयोजन ग्रामीण जीवन में ऊर्जा और सौहार्द का संचार करते हैं।
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दुर्गा पूजा जैसे पर्व हमें एकजुट होकर समाज और संस्कृति की रक्षा करने का संदेश देते हैं। अब समय है कि हम सब अपनी भूमिका निभाते हुए इस आयोजन का हिस्सा बनें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उत्साह और आस्था सब तक पहुंचे।