#गढ़वा #कृषि_विकास : कृषि विज्ञान केंद्र में पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का सीधा प्रसारण देखा गया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42,000 करोड़ रुपये की कृषि परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
- पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का किया उद्घाटन।
- 2100 से अधिक परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास।
- मुख्य अतिथि के रूप में जिला कृषि सह उद्यान पदाधिकारी श्रीमती खुशबू पासवान रही उपस्थित।
- कार्यक्रम में किसानों को दलहनी और तिलहनी खेती को बढ़ावा देने की दी गई सलाह।
गढ़वा के कृषि विज्ञान केंद्र में आज दिनांक 11 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के किसानों के लिए प्रारंभ की गई पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का सीधा प्रसारण देखा गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 2100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत 42,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
कार्यक्रम में अधिकारियों और किसानों की रही सक्रिय भागीदारी
इस अवसर पर जिला कृषि सह उद्यान पदाधिकारी श्रीमती खुशबू पासवान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। साथ ही जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंद्र किशोर और कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान श्री महेश चंद्र जेरई भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी अतिथियों ने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं को किसानों के लिए मील का पत्थर बताया।
श्रीमती खुशबू पासवान ने कहा: “प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई ये योजनाएं किसानों के जीवन में आत्मनिर्भरता और समृद्धि लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।”
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि राज्य मंत्री श्री भगीरथ चौधरी का भी सीधा संबोधन हुआ। दोनों नेताओं ने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार खेती को नई तकनीक और संसाधनों से जोड़ने के लिए सतत कार्य कर रही है, ताकि भारत कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।
दलहन और तिलहन खेती को बताया गढ़वा की जलवायु के लिए उपयुक्त
कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान श्री महेश चंद्र जेरई ने कहा कि गढ़वा की भौगोलिक और जलवायु स्थिति को देखते हुए दलहनी एवं तिलहनी फसलों की खेती के लिए यह क्षेत्र अत्यंत उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि किसान यदि इन फसलों की खेती को अपनाते हैं तो उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और क्षेत्र में कृषि विविधता भी बढ़ेगी।
श्री महेश चंद्र जेरई ने कहा: “गढ़वा के किसान यदि दलहन और तिलहन उत्पादन को प्राथमिकता दें तो आने वाले वर्षों में यह जिला कृषि आत्मनिर्भरता का उदाहरण बन सकता है।”
सम्मानित हुए देशभर के प्रगतिशील किसान
कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रगतिशील किसानों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गढ़वा जिले के अनेक किसानों ने भी हिस्सा लिया और केंद्र सरकार की नई योजनाओं को लेकर उत्साह व्यक्त किया।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र प्रबंधक श्री विंध्याचल राम, आरएफ श्री नवलेश कुमार, सहायक अमित बैठा, श्री सियाराम पांडेय, श्री सुनील कुमार, श्री राकेश रंजन चौबे, श्री कृष्ण कुमार चौबे, जनसेवक श्री चंदन कुमार, श्री राकेश रौशन, श्री बृज भूषण पांडेय, प्रगतिशील किसान श्री रामकेश चौधरी, श्री अशोक राम, श्री ब्रजेश तिवारी, श्री शिवनाथ कुशवाहा, श्री विजय सिंह, श्रीमती कांती देवी, और श्रीमती कविता देवी उपस्थित रहे।



न्यूज़ देखो: आत्मनिर्भर भारत की नींव हैं आत्मनिर्भर किसान
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाएं सिर्फ परियोजनाएं नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में खुशहाली का मार्ग हैं। यदि स्थानीय किसान इन पहलों को अपनाते हैं, तो गढ़वा जिले की कृषि अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन संभव है। इस पहल से दलहन, तिलहन और पशुपालन क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी और ग्रामीण समृद्धि की दिशा में ठोस कदम उठेगा।
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