#पलामू #विकास : योजनाओं की गति बढ़ाने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर दिया गया बल
- प्रधान सचिव मस्त राम मीणा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में समीक्षा बैठक।
- जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति पर की गई विस्तृत चर्चा।
- ग्रामीणों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना प्राथमिकता बताई गई।
- स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित करने का निर्देश।
- योजनाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक वेंडर पर रहेगी।
पलामू समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से आयोजित बैठक में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव मस्त राम मीणा ने की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।
शुद्ध पेयजल सबका अधिकार
प्रधान सचिव मस्त राम मीणा ने स्पष्ट कहा कि जैसे हम और आप शुद्ध पेयजल का उपयोग करते हैं, वैसे ही ग्रामीणों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिले में संचालित दो वाटर टेस्टिंग लैब से नियमित अंतराल पर सभी प्रखंडों में पानी की गुणवत्ता जांच की जानी चाहिए।
मस्त राम मीणा: “हम और आप शुद्ध पेयजल पीते हैं, यही अधिकार आमजनों को भी है।”
योजनाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी
प्रधान सचिव ने यह भी कहा कि योजनाओं के पूर्ण होने के बाद कम से कम पांच साल तक संबंधित वेंडर द्वारा उसका रखरखाव किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने चेताया कि छोटी-छोटी तकनीकी परेशानियों की वजह से पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
अभियान निदेशक के निर्देश
अभियान निदेशक ने बैठक में कहा कि अक्सर पानी टंकी के खुले रहने और समय-समय पर सफाई नहीं होने की शिकायतें मिलती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की छोटी समस्याओं का तत्काल निवारण होना चाहिए। उन्होंने पाइपलाइन को जमीन के कम से कम दो फीट नीचे रखने और पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष बल दिया।
स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति
बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्यों के अनुरूप प्रगति की समीक्षा की गई। ग्राम स्तर पर ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के लिए योजनाएं तैयार करने, व्यक्तिगत घरेलू शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, गोबर गैस प्लांट, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट और ओडीएफ गांवों के सत्यापन जैसे बिंदुओं पर भी चर्चा हुई।
बैठक में प्रमुख अधिकारी उपस्थित
समीक्षा बैठक में एसबीएम निदेशक मनोहर मरांडी, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, मुख्य अभियंता अनिल प्रसाद, प्रभात कुमार सिंह समेत कई कनीय और सहायक अभियंता शामिल रहे।
न्यूज़ देखो: स्वच्छता और जल सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी
जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की सफलता ग्रामीणों के जीवन स्तर को बदल सकती है। लेकिन इसके लिए योजनाओं का समय पर पूरा होना और उनका रखरखाव बेहद जरूरी है। यह केवल सरकारी विभागों की ही नहीं बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है।
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अब समय जिम्मेदारी निभाने का
ग्रामीणों तक शुद्ध जल और स्वच्छता सेवाएं पहुंचाना सिर्फ सरकारी योजना नहीं बल्कि सामूहिक दायित्व है। अब समय है कि हम सब जागरूक बनकर अपने गांव-समाज की बेहतरी में योगदान दें।
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