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छतरपुर में जीतीया पर्व पर खुले रहे निजी स्कूल: सरकारी आदेश की अनदेखी से उठे सवाल

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#पलामू #शिक्षा : सरकारी आदेश के बावजूद छतरपुर के कई निजी विद्यालय खुले, शिक्षा विभाग अनजान रहा
  • सरकार ने 23 दिन पहले आदेश जारी कर जीतीया पर्व पर सभी सरकारी और निजी विद्यालय बंद रखने को कहा था।
  • छतरपुर प्रखंड में कई निजी स्कूल संचालकों ने आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए सोमवार को विद्यालय खोला।
  • यह स्थिति पहले भी कई बार देखने को मिली है जब आदेशों की अनदेखी की गई।
  • शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका और कार्रवाई को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।

पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड में जीतीया पर्व के अवसर पर सरकार के स्पष्ट आदेशों के बावजूद कई निजी विद्यालय खुले रहे। सरकार ने इस पर्व के लिए करीब 23 दिन पहले ही पत्र जारी कर सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को बंद रखने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद कुछ निजी स्कूल संचालकों ने आदेशों की अनदेखी कर विद्यालय खोलने का फैसला किया।

आदेश की अवहेलना और प्रशासन की खामोशी

छतरपुर में यह कोई पहली घटना नहीं है। पहले भी कई बार देखा गया है कि निजी विद्यालय संचालक सरकारी आदेशों की अवहेलना करते आए हैं। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में शिक्षा विभाग के अधिकारी अनजान बने रहे, जिससे अभिभावकों और आमजनों में नाराजगी बढ़ गई है।

बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

सरकार द्वारा आदेश जारी करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को पर्व के अवसर पर अवकाश देना और सुरक्षा सुनिश्चित करना था। लेकिन आदेश की अनदेखी कर विद्यालय खोलना बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ के समान है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अधिकारी ही कार्रवाई नहीं करेंगे तो संचालकों में डर नहीं रहेगा और आदेशों की धज्जियां उड़ती रहेंगी।

आगे की कार्रवाई पर टिकी नजर

अब देखने वाली बात होगी कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। लोगों की मांग है कि दोषी विद्यालय संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

न्यूज़ देखो: आदेशहीनता से बिगड़ता अनुशासन

छतरपुर की यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अगर सरकारी आदेशों को ही नजरअंदाज किया जाएगा, तो बच्चों की सुरक्षा और अनुशासन पर सीधा खतरा पैदा होगा। शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह सख्ती से नियम लागू करे और दोषियों को जवाबदेह बनाए।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि

यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि बच्चों के हित और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। अब समय है कि हम आदेशों का पालन करने और जिम्मेदारी निभाने के लिए सजग हों। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन कायम रह सके।

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