
#लातेहार #ग्रामीणविरोध : निर्दोषों और महिलाओं को परेशान करने पर नाराज ग्रामीण बोले समस्याओं का समाधान आपसी सहमति से हो
- ग्राम जुरूहार के ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ सौंपा मांग पत्र।
- आरोप कि निर्दोष ग्रामीणों और महिलाओं को परेशान कर रहे हैं विभाग के कर्मी।
- कहा कि ग्रामीण जंगल और वन्य जीवों के प्रति संवेदनशील हैं।
- जंगली हाथियों से फसल बर्बादी रोकने की भी उठी मांग।
- माले नेताओं और स्थानीय प्रतिनिधियों ने किया ग्रामीणों का समर्थन।
बरवाडीह (लातेहार): छिपादोहार वार्ड सदस्य सुमन देवी के नेतृत्व में ग्राम जुरूहार के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को छिपादोहर पूर्वी रेंज कार्यालय पहुंचा। वहां ग्रामीणों ने वनपाल नवीन कुमार को मांग पत्र सौंपा और वन विभाग की कार्यशैली पर गहरी आपत्ति जताई।
निर्दोषों और महिलाओं को परेशान करने का आरोप
मांग पत्र में स्पष्ट कहा गया कि जुरूहार और हरिनामांर क्षेत्र में अपराधियों को पकड़ने के नाम पर वन विभाग के कर्मियों द्वारा आम निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि विशेषकर महिलाओं को अनावश्यक दबाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है, जो बिल्कुल अनुचित है।
ग्रामीणों का पक्ष और अपेक्षा
ग्रामीणों ने कहा कि वे हमेशा से जंगल और वन्य जीवों के प्रति संवेदनशील रहे हैं और किसी भी तरह की अवैध गतिविधि का समर्थन नहीं करते। इसलिए वन विभाग को चाहिए कि वह ग्रामीणों को अपराधियों की तरह ट्रीट करने के बजाय उनसे संवाद करे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समस्याओं का समाधान बैठक और आपसी सहमति से ही होना चाहिए।
जंगली हाथियों से फसल बर्बादी पर चिंता
ग्रामीणों ने मांग पत्र में यह भी उल्लेख किया कि इन दिनों इलाके में जंगली हाथियों का झुंड लगातार खेतों में प्रवेश कर रहा है और फसलों को नष्ट कर रहा है। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर भी वन विभाग से तत्काल पहल करने की मांग रखी।
नेताओं और प्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस दौरान ग्रामीणों के साथ कई स्थानीय नेता और प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। मौके पर माले जिला सचिव कॉमरेड बिरजू राम, माले प्रखंड सचिव राजेंद्र सिंह, श्यामबिहारी राम, उपेंद्र उरांव, मनीष उरांव, लच्छू लोहारा, माले देवी और सोनमती देवी शामिल थे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को उचित बताया और हर स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया।
न्यूज़ देखो: संवाद से ही सुलझेंगी समस्याएं
ग्रामीणों का आरोप गंभीर है कि वन विभाग निर्दोष लोगों को परेशान कर रहा है। अगर सचमुच प्रशासन अपराधियों के बजाय मासूम ग्रामीणों पर कार्रवाई कर रहा है तो यह बड़ी चूक है। जंगल और वन्य जीवों की रक्षा तभी संभव है जब वन विभाग और ग्रामीणों में विश्वास और आपसी तालमेल हो। जंगली हाथियों की समस्या भी प्रशासनिक तत्परता से ही सुलझ सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब समाधान की दिशा में कदम जरूरी
यह समय है कि वन विभाग ग्रामीणों की आवाज सुने और बैठकर स्थायी समाधान निकाले। बिना संवाद और सहयोग के केवल दमन से न वन बचेगा न वन्य जीव। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि सभी की आवाज प्रशासन तक पहुंचे।