
#गढ़वा #शिक्षा_विवाद : हरिहरपुर कांडी विद्यालय प्रबंधन समिति ने प्रधानाध्यापक आदित्य गुप्ता को निर्दोष बताते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी पर लगाया साजिश का आरोप
- प्रधानाध्यापक आदित्य प्रसाद गुप्ता पर लगे आरोपों को बताया गया झूठा।
- विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष विकास सिंह ने उठाई आवाज।
- जिला शिक्षा पदाधिकारी और कर्मियों पर लगाया साजिश का आरोप।
- विद्यालय को राजनीतिक गुटबाजी से अस्थिर करने का लगाया आरोप।
- न्याय न मिलने पर गढ़वा डीईओ कार्यालय घेराव की दी चेतावनी।
हरिहरपुर कांडी स्थित शंकर प्रताप उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक आदित्य प्रसाद गुप्ता के पक्ष में विद्यालय प्रबंधन समिति खड़ी हो गई है। समिति के अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रेस के माध्यम से कहा कि शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी षड्यंत्र के तहत गुप्ता को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो समिति और ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
आरोप निराधार और बेबुनियाद
विकास सिंह ने कहा कि आदित्य प्रसाद गुप्ता हमेशा अपने शैक्षणिक, सामाजिक और नैतिक कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करते आए हैं। उन्होंने डाइट रेहला के अधिकारियों के आदेश के अनुसार काम किया है और विद्यालय के विकास में अहम योगदान दिया है। समिति के अनुसार, राज्यकीय +2 उच्च विद्यालय कांडी की तत्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापिका विद्यानी बाखला द्वारा 9 मई 2024 को दिए गए पत्र में भी गुप्ता पर किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया गया था।
साजिश का आरोप
अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि गढ़वा जिला शिक्षा पदाधिकारी और कुछ कर्मचारी मिलकर प्रधानाध्यापक को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह कार्रवाई विद्यालय के स्वच्छ वातावरण को बिगाड़ने और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने की एक सोची-समझी रणनीति है।
विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा: “आदित्य गुप्ता निर्दोष हैं और उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो हम ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे।”
राजनीतिक गुटबाजी से नुकसान
समिति ने यह भी कहा कि कुछ लोग विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को राजनीतिक गुटों में बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियां विद्यालय के माहौल को अस्थिर करती हैं और शिक्षा के स्तर को प्रभावित करती हैं।
आंदोलन की चेतावनी
विकास सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि प्रधानाध्यापक को इस मामले से अलग नहीं किया गया तो विद्यालय प्रबंधन समिति और हरिहरपुर गांव के लोग मिलकर गढ़वा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे। साथ ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखा जाएगा।
न्यूज़ देखो: शिक्षा में राजनीति का दखल खतरनाक
शिक्षा व्यवस्था में राजनीतिक हस्तक्षेप और व्यक्तिगत षड्यंत्र न केवल विद्यालय के वातावरण को खराब करता है, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डाल देता है। हरिहरपुर कांडी का यह मामला दिखाता है कि कैसे एक कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक की ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है। इस पर त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई होनी जरूरी है।
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न्याय की लड़ाई में साथ खड़े हों
यह मामला केवल एक शिक्षक का नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता से जुड़ा है। यदि निर्दोष शिक्षक पर आरोप लगाकर उन्हें परेशान किया जाएगा, तो शिक्षा की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ेगा।
अब समय है कि समाज, अभिभावक और छात्र एकजुट होकर सच का साथ दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और न्याय की इस लड़ाई में सहभागिता निभाएं।