Dumka

महावीर मंदिर की पवित्र भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ बागान पाड़ा में फूटा जनआक्रोश

#दुमका #धार्मिक_भूमि : मंदिर जमीन पर कब्जा और अवैध आरा मिल संचालन के खिलाफ मोहल्लेवासियों का विरोध।

दुमका शहर के बागान पाड़ा स्थित महावीर मंदिर की भूमि पर वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्जे को लेकर स्थानीय नागरिकों का आक्रोश खुलकर सामने आया। मंदिर प्रांगण में आयोजित आपात बैठक में बड़ी संख्या में मोहल्लेवासी एकजुट हुए और अवैध आरा मिल संचालन के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया। लोगों का कहना है कि इस अवैध गतिविधि से न केवल कानून का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि मंदिर के भव्य निर्माण में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। मामला धार्मिक आस्था, सार्वजनिक भूमि और प्रशासनिक जिम्मेदारी से जुड़ा होने के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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  • बागान पाड़ा, दुमका में महावीर मंदिर भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप।
  • रविंद्र शर्मा उर्फ रॉबिन शर्मा पर वर्षों से आरा मिल संचालन का आरोप।
  • प्रतिबंधित और अवैध लकड़ी के कारोबार की शिकायत।
  • रात में लकड़ी भंडारण कर मंदिर परिसर को व्यवसायिक क्षेत्र बनाने का दावा।
  • भव्य मंदिर निर्माण अवैध कब्जे के कारण बाधित होने की बात सामने आई।

दुमका शहर के बागान पाड़ा इलाके में स्थित प्राचीन और आस्था के केंद्र महावीर मंदिर की भूमि को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा अब सड़कों पर उतरने को तैयार दिखाई दे रहा है। वर्षों से मंदिर की जमीन पर कथित अवैध कब्जा और वहां संचालित लकड़ी आरा मिल के खिलाफ मोहल्लेवासियों ने मंदिर प्रांगण में एक आपात बैठक आयोजित कर सामूहिक विरोध दर्ज कराया।

आपात बैठक में एकजुट हुए मोहल्लेवासी

बैठक में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, मंदिर से जुड़े श्रद्धालु और मोहल्लेवासी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि मंदिर की पवित्र भूमि पर हो रही अवैध गतिविधियां न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत कर रही हैं, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रही हैं।

अवैध कब्जा और आरा मिल संचालन का आरोप

बैठक में सर्वसम्मति से आरोप लगाया गया कि रविंद्र शर्मा उर्फ रॉबिन शर्मा (पिता – शिवप्रसाद मिस्त्री) द्वारा महावीर मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर वर्षों से लकड़ी का आरा मिल संचालित किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आरा मिल न केवल नियमों के विरुद्ध है, बल्कि इसके माध्यम से अवैध गतिविधियां भी संचालित हो रही हैं।

गंभीर आरोपों से गरमाया माहौल

मोहल्लेवासियों ने बैठक में कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • मंदिर भूमि पर प्रतिबंधित और अवैध लकड़ी का कारोबार।
  • रात के अंधेरे में लकड़ी का भंडारण, ताकि प्रशासन की नजर से बचा जा सके।
  • मंदिर परिसर को धीरे-धीरे व्यवसायिक गतिविधियों का अड्डा बना दिया जाना।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इन गतिविधियों से इलाके में असुरक्षा का माहौल बन रहा है और मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।

भव्य मंदिर निर्माण में बाधा

वर्तमान समय में महावीर मंदिर का नए स्वरूप में भव्य निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह निर्माण क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं के लिए आस्था और गौरव का विषय है। लेकिन आरोप है कि अवैध कब्जे के कारण निर्माण कार्य बार-बार बाधित हो रहा है।
मोहल्लेवासियों ने कहा कि यह केवल जमीन का मामला नहीं, बल्कि उनकी धार्मिक आस्था पर सीधा प्रहार है।

कानून और प्रशासन पर उठे सवाल

बैठक में यह सवाल भी उठाया गया कि यदि यह कब्जा और आरा मिल वर्षों से संचालित है, तो अब तक प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई। लोगों का कहना है कि या तो संबंधित विभागों को जानकारी नहीं है, या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।

जनता की एकजुट मांग

बैठक के दौरान मोहल्लेवासियों ने एक स्वर में प्रशासन से मांग की कि:

  • महावीर मंदिर भूमि से अवैध कब्जा तत्काल हटाया जाए
  • अवैध लकड़ी आरा मिल को बंद कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
  • मंदिर परिसर की सुरक्षा और पवित्रता सुनिश्चित की जाए।
  • अवैध लकड़ी कारोबार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

लोगों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का सवाल

मोहल्लेवासियों का कहना है कि महावीर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का केंद्र है। इस पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा पूरे समाज के लिए अस्वीकार्य है।

न्यूज़ देखो: आस्था बनाम अवैध कारोबार

बागान पाड़ा का यह मामला दिखाता है कि जब धार्मिक स्थलों की भूमि पर अवैध गतिविधियां पनपती हैं, तो सामाजिक तनाव बढ़ना स्वाभाविक है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई कर जनता का भरोसा बहाल करे। क्या दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे? हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था की रक्षा, कानून की जिम्मेदारी

धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
यदि आपके क्षेत्र में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, तो आवाज उठाएं, अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और जिम्मेदार प्रशासनिक कार्रवाई की मांग को मजबूत करें।

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Saroj Verma

दुमका/देवघर

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