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जराकेल–कानारोवां सड़क की बदहाली पर भड़की जनता, विशेष ग्राम सभा में उठी आवाज

#बानो #सड़क_समस्या : रेलवे कार्य से तबाह सड़क पर हर दिन हादसों का खतरा—ग्राम सभा में ग्रामीणों ने कार्रवाई की ठानी

ग्राम सभा में सड़क समस्या पर गूंजा आक्रोश

बानो प्रखंड के कानारोवां पंचायत भवन सभागार में गुरुवार को विशेष ग्राम सभा आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता मुखिया मिन्सी लीना तिर्की ने की, जिसमें ग्रामीणों ने जराकेल से कानारोवां तक की सड़क की बदहाली पर कड़ा आक्रोश जताया।

रेलवे कार्य और भारी वाहनों से सड़क बदहाल

ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क पहले से ही कच्ची और कमजोर थी, लेकिन रेलवे कार्य में लगे भारी वाहनों की लगातार आवाजाही ने इसे पूरी तरह तबाह कर दिया है। आज हालत यह है कि इस मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। खासकर विद्यार्थी और बुजुर्ग रोजाना हादसे का शिकार हो रहे हैं।

संवेदक से मिलकर रखी मरम्मत की मांग

ग्रामीणों ने रेलवे कार्य में लगे संवेदक अधिकारियों से मिलकर मांग रखी कि सड़क को तुरंत मरम्मत कर चलने योग्य बनाया जाए। उनका कहना था कि जब तक अस्थायी मरम्मत नहीं होगी तब तक लोगों का आवागमन और भी कठिन हो जाएगा।

24 सितंबर को बीडीओ को सौंपा जाएगा ज्ञापन

ग्राम सभा में यह सर्वसम्मति बनी कि 24 सितंबर 2025 को भारी संख्या में ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर बीडीओ को ज्ञापन सौंपेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भागीदारी

इस चर्चा परिचर्चा में अमित डांग, रूपेश बड़ाईक, वार्ड सदस्य पूनम समद, तेलानी लुगुन, विकास मघइया, राहिल समद, सनीचर समद, जॉनसन, बेंजामिन लुगुन, ग्राम सभा सचिव जकरियास सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: प्रशासनिक सुस्ती पर जनता का गुस्सा

जराकेल से कानारोवां तक की सड़क की हालत यह दिखाती है कि विकास कार्यों के बीच बुनियादी जरूरतें किस तरह उपेक्षित हैं। रेलवे परियोजनाएं जहां गति पकड़ रही हैं, वहीं ग्रामीणों की जिंदगी हर दिन खतरे में है। प्रशासन को इस पीड़ा को अनसुना नहीं करना चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिकता ही बदलाव की राह

सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं हर नागरिक का अधिकार हैं। जब जनता एकजुट होकर आवाज उठाती है तभी समस्याओं का समाधान संभव होता है। आप भी इस खबर को पढ़कर अपनी राय दें, शेयर करें और ग्रामीणों की इस मुहिम को समर्थन दें ताकि उनकी आवाज और बुलंद हो सके।

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