#लातेहार #जनजागरूकता : अफीम की अवैध खेती और मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव पर नुक्कड़ नाटक से लोगों को मिला संदेश
- बरियातू प्रखंड में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों को अफीम की अवैध खेती के दुष्प्रभाव बताए गए।
- कार्यक्रम उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के निर्देश पर आयोजित किया गया।
- नाटक में कलाकारों ने नशे के सामाजिक, मानसिक और पारिवारिक नुकसान को जीवंत अभिनय से दर्शाया।
- ग्रामीणों ने नशामुक्त समाज के निर्माण का संकल्प लिया।
- उपायुक्त ने कहा — जनजागरूकता ही मादक पदार्थों की अवैध खेती रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है।
बरियातू प्रखंड में सोमवार को प्रशासन की ओर से एक प्रेरणादायी जनजागरूकता पहल की गई। उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य था ग्रामीणों को यह समझाना कि अफीम की खेती न केवल कानूनन अपराध है बल्कि यह व्यक्ति, परिवार और समाज—तीनों के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आती है।
नुक्कड़ नाटक बना संदेशवाहक
नुक्कड़ नाटक के कलाकारों ने अत्यंत प्रभावशाली अभिनय और संवादों के ज़रिए ग्रामीणों के बीच यह संदेश फैलाया कि अवैध अफीम खेती और नशे की लत समाज को खोखला बना रही है। नाटक में दिखाया गया कि कैसे नशे की गिरफ्त में आने वाला व्यक्ति अपनी सेहत, परिवार और आजीविका सबकुछ खो देता है। इस प्रस्तुति ने ग्रामीणों के बीच गहरा असर छोड़ा।
एक कलाकार ने संवाद के रूप में कहा: “नशा एक जहर है जो धीरे-धीरे इंसान की जिंदगी, उसके सपनों और रिश्तों को खत्म कर देता है।”
ग्रामीणों ने इस नाटक की सराहना की और प्रशासन को भरोसा दिलाया कि वे इस मुहिम का हिस्सा बनकर नशा मुक्त समाज के निर्माण में सहयोग करेंगे।
प्रशासन का प्रयास और उद्देश्य
उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि जिले में लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके और मादक पदार्थों की अवैध खेती और तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि हर पंचायत तक इस तरह के जनजागरूकता अभियान पहुंचें ताकि कोई भी व्यक्ति इस अपराध का हिस्सा न बने।
उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने कहा: “हमारा मकसद है कि लोग नशे से दूर रहें और अपनी ऊर्जा को समाज के विकास में लगाएं। यह तभी संभव है जब गांव-गांव में जागरूकता फैले।”
वैकल्पिक आजीविका की दिशा में कदम
कार्यक्रम में यह भी संदेश दिया गया कि जो लोग आजीविका के लिए अफीम की अवैध खेती की ओर झुक रहे हैं, उन्हें सरकार की वैकल्पिक रोजगार योजनाओं से जोड़कर सकारात्मक दिशा में लाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने कई योजनाएं पहले से लागू की हैं जिनका लाभ ग्रामीण स्तर पर पहुंचाया जा रहा है।
ग्रामीणों की सहभागिता से बढ़ेगी सफलता
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। उन्होंने नशा मुक्त समाज के निर्माण की शपथ ली और यह भरोसा दिलाया कि वे गांव में इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
न्यूज़ देखो: नशे से मुक्ति की राह पर बरियातू की मिसाल
बरियातू में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जो संदेश दिया गया, वह सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का प्रतीक बना। यदि प्रशासन और समाज मिलकर इसी तरह के प्रयास जारी रखें, तो लातेहार जिला नशा मुक्त क्षेत्र के रूप में नई पहचान बना सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नशा छोड़ें, नया जीवन अपनाएं
अब समय है कि हम सब नशे के खिलाफ एकजुट हों और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं। अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें और इस खबर को शेयर करें ताकि हर गांव में नशा मुक्त भारत का संकल्प गूंज उठे।