
#सिमडेगा #जनआक्रोश : रौतिया समाज ने कंपनियों को अवैध भूमि विक्री के विरोध में बड़ी रैली निकालकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
- अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद बानो इकाई की अगुवाई में विशाल रैली सह सभा।
- महेश सिंह के नेतृत्व में बुमुल्डा, मारीकेल, हेलगढ़ा, रामजोल, एकोदा समेत कई गांवों के लोग शामिल।
- रौतिया समाज ने खतियानी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
- बिरसा चौक पर माल्यार्पण के बाद जुलूस ने प्रखंड कार्यालय तक मार्च किया।
- सभा में प्रखंड प्रशासन से जमीन सौदों पर रोक लगाने की मांग, उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
बानो प्रखंड के दर्जनों गांवों से सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष गुरुवार को सड़क पर उतरे। अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद की स्थानीय इकाई ने खतियानी जमीनों की रक्षा के लिए यह जनाक्रोश रैली निकाली। रैली बिरसा चौक होते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंची और सभा में बदल गई, जहां समाज के नेताओं और प्रबुद्धजनों ने जमकर अपनी बात रखी। सभा में जमीनों के सौदों को अवैध ठहराते हुए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
रैली की शुरुआत और उद्देश्य
प्रखंड अध्यक्ष महेश सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस रैली का मुख्य उद्देश्य था खतियानी जमीनों की अवैध खरीद-बिक्री के खिलाफ जनजागरण। बताया गया कि प्रखंड के बुमुल्डा, मारीकेल, हेलगढ़ा, रामजोल और एकोदा गांवों में दलालों और कंपनियों द्वारा समाज के भोले-भाले लोगों को डरा-धमकाकर जमीन हथियाने का प्रयास किया जा रहा है।
भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण
रैली की शुरुआत बानो डाक बंगला से बिरसा चौक तक की पदयात्रा से हुई। यहां रैली में शामिल लोगों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान लोगों ने नारे लगाते हुए अपनी एकजुटता और संघर्ष का संदेश दिया।
सभा में मुखिया विश्वनाथ बड़ाइक का संबोधन
सभा में उपस्थित बानो मुखिया विश्वनाथ बड़ाइक ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा:
विश्वनाथ बड़ाइक ने कहा: “अपनी खतियानी जमीन को दलालों और कंपनियों के झांसे में आकर न बेचें। अगर जमीन चली गई तो आने वाले समय में अपने बच्चों के लिए क्रियाकर्म तक करने की जगह नहीं बचेगी।”
उन्होंने चेतावनी दी कि जमीन बेचने से समाज अपनी पहचान और अस्तित्व खो देगा।
ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग
सभा के अंत में समाज के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन प्रखंड विकास पदाधिकारी नईमुद्दीन अंसारी को सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट मांग की गई कि खतियानी जमीनों के सौदे तुरंत रोके जाएं और अवैध तरीके से खरीदी गई जमीनों की जांच कर कार्रवाई की जाए।
नेताओं का संबोधन और अपील
सभा में रौतिया समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राम शंकर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रोहित सिंह ने लोगों से जमीन न बेचने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह समाज के अस्तित्व और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
केंद्रीय सचिव आज़ाद सिंह और खूंटी जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया ने भी अपने संबोधन में कहा कि खतियानी जमीनें समाज की धरोहर हैं और इन्हें बचाना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
उपस्थित लोग और सहभागिता
इस आयोजन में बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। प्रमुख उपस्थितियों में लाल मोहन सिंह, रविन्द्र सिंह, महेश सिंह, महिपाल सिंह, ललित कुमार सिंह, घनश्याम सिंह, शंकर सिंह के साथ महिला मोर्चा से नीलम देवी (महासचिव), तारा देवी (अध्यक्ष), ललिता देवी समेत कई महिलाएं शामिल थीं। उनकी सक्रिय भागीदारी ने इस आंदोलन को और मजबूती दी।
रौतिया समाज का स्पष्ट संदेश
सभा में यह स्पष्ट किया गया कि रौतिया समाज चेरो जाति की उपजाति आदिवासी है और उनकी खतियानी जमीन की खरीद-बिक्री कानूनन प्रतिबंधित है। फिर भी अगर कोई दलाल या कंपनी इस पर हाथ डालने की कोशिश करता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

न्यूज़ देखो: खतियानी जमीन पर एकजुट समाज की चेतावनी
यह रैली और सभा साबित करती है कि रौतिया समाज अपनी जमीन और पहचान बचाने के लिए किसी भी हद तक संघर्ष करने को तैयार है। यह सिर्फ एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि न्याय और अधिकार की लड़ाई है। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अवैध सौदों पर रोक लगाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संघर्ष ही शक्ति है
रौतिया समाज की यह एकजुटता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। समय है कि हम सब अपनी जमीन, अपनी संस्कृति और अपनी पहचान की रक्षा के लिए खड़े हों। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि जागरूकता फैले और समाज को मजबूती मिले।