
#सिमडेगा #पंचायत_बैठक : बानो प्रखंड में दो साल से लंबित मानदेय और वित्तीय आवंटन की कमी पर जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी और सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की
- बानो प्रखंड मुख्यालय के पंचायत भवन में त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित हुई।
- दो वर्षों से मानदेय न मिलने और 15वें वित्त के फंड न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की गई।
- ज्ञापन ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज मंत्री दीपिका सिंह पांडे को सौंपा गया।
- बैठक में बकाया मानदेय, पेंशन, मुवावजा और जनता दरबार शुल्क जैसी मांगें उठाई गईं।
- प्रमुख रूप से मुखिया विश्वनाथ बड़ाईक, सुधीर डांग, लॉरेंस बागे, लूथर भुइँया, सुसाना जड़िया, सीता कुमारी सहित सभी जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
बानो प्रखंड मुख्यालय में आयोजित बैठक में प्रखंड अध्यक्ष विश्वनाथ बड़ाईक की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों ने पिछले दो सालों से मानदेय न मिलने और वित्तीय संसाधनों के अभाव के कारण पंचायत विकास कार्यों की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। बैठक में यह बताया गया कि पंचायत समिति फंड से 15वें वित्त का कोई भी योजना कार्यान्वित नहीं हो पाया, जिससे छोटे विकास कार्य भी बाधित हुए हैं और आम जनता में जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
जनप्रतिनिधियों की प्रमुख मांगें
बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने सरकार के समक्ष कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। इनमें शामिल हैं:
- मानदेय का नियमित भुगतान और बकाया मानदेय का निपटारा।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 का फंड शीघ्र आवंटन।
- पेंशन और मुवावजा की व्यवस्था।
- जनता दरबार कार्यक्रम के आवेदन पर उचित कार्रवाई और शुल्क का भुगतान सरकार द्वारा।
- पेशा एक्ट कानून 1996 का प्रभावी क्रियान्वयन।
- यात्रा भत्ता में वृद्धि और प्रति माह भुगतान।
- मनरेगा योजना की सामग्री राशि का यथाशीघ्र आवंटन।
ज्ञापन और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इन मांगों को लेकर प्रखंड स्तर पर बीडीओ नैमुदिन अंसारी को ज्ञापन सौंपा गया। बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने कहा कि यदि इन मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो विकास कार्य ठप रहेंगे और जनता की नाराजगी बढ़ेगी।
प्रखंड अध्यक्ष विश्वनाथ बड़ाईक ने कहा: “हमारा उद्देश्य केवल अपने हित की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि पंचायत स्तर पर विकास कार्य सुचारू रूप से हो और आम जनता को इसका लाभ मिल सके।”
बैठक में उपस्थित अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधियों में सुधीर डांग, लॉरेंस बागे, लूथर भुइँया, सुसाना जड़िया, सीता कुमारी, मिनसी लीना तिर्की, आलोक बारला, अनिल लुगुन, ममता देवी, कृपा हेमरोम, सुशीला गुड़िया, जसिंता सोरेंग, अजय डांग, प्रमिला जोजो, सोमा पहान, निमाणी जोजो, शानियारो देवी, सिरिल टोपनो, संदीप समद और आगाथा तोपनो शामिल थे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इन मांगों के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों से लगातार संवाद बनाए रखा जाएगा ताकि विकास कार्य और जनप्रतिनिधियों के अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें।

न्यूज़ देखो: बानो प्रखंड में पंचायत विकास कार्यों में बाधा और जनप्रतिनिधियों की नाराजगी
यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि पंचायत स्तर पर वित्तीय संसाधनों और मानदेय की कमी विकास कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। प्रशासन और राज्य सरकार के लिए यह चेतावनी है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो ग्रामीण विकास कार्यों में बाधा और जनता की नाराजगी बढ़ेगी।
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सक्रिय नागरिकता और सहयोग के लिए संदेश
स्थानीय प्रशासन से अपने अधिकार और विकास कार्यों के लिए सजग रहें। अपने क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करें और सुनिश्चित करें कि पंचायत स्तर पर योजनाएं सुचारू रूप से लागू हों। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं।




