
#पलामू #पंचायतप्रतिनिधिआंदोलन : पाण्डु प्रखंड कार्यालय परिसर में पंचायत प्रतिनिधियों का प्रदर्शन — 15वें वित्त आयोग की बकाया राशि समेत 7 प्रमुख मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, सरकार को चेताया
- पाण्डु में पंचायत प्रतिनिधियों ने किया जोरदार धरना-प्रदर्शन
- 15वें वित्त आयोग की 2024-25 की राशि सहित 7 मांगों का ज्ञापन सौंपा गया
- मुखिया, समिति सदस्य, वार्ड सदस्य समेत सैकड़ों प्रतिनिधि प्रदर्शन में शामिल
- प्रमुख नीतू सिंह और जिप सदस्य गोविंद सिंह के नेतृत्व में सौंपा गया ज्ञापन
- राज्य सरकार को चेतावनी: मांगें नहीं मानी तो होगा राज्यव्यापी आंदोलन
वित्तीय बकाए और अधिकारों को लेकर मुखर हुए जनप्रतिनिधि
पलामू के पाण्डु प्रखंड कार्यालय परिसर में शनिवार को पंचायत प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। यह आंदोलन त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों और लंबित मानदेय की मांग को लेकर आयोजित किया गया, जिसमें प्रमुख नीतू सिंह, जिप सदस्य गोविंद सिंह, प्रमुख प्रतिनिधि सिंटू सिंह के साथ सैकड़ों मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और वार्ड सदस्य शामिल हुए।
BDO को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को मुख्यमंत्री झारखंड सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधियों ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की अनदेखी अब नहीं सहे जाएगी और यदि सरकार ने मांगों पर तत्काल निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी रांची तक पहुंचेगा।
ज्ञापन की प्रमुख मांगे
प्रतिनिधियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित सात मुख्य बिंदु शामिल थे:
- 15वें वित्त आयोग की 2024-25 की बकाया राशि का भुगतान शीघ्र किया जाए।
- राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं के तहत लंबित राशि और अन्य बिंदुओं को लागू किया जाए।
- पंचायतों को 14 विभागों की प्रत्यायोजित शक्तियाँ प्रभावी रूप से दी जाएं और अन्य विभागों को जोड़ा जाए।
- जिला योजना समिति की बैठकें नियमित हों और पूर्व सरकार के अनाबद्ध निधि निर्णय निरस्त हों।
- केरल मॉडल पर पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय की व्यवस्था की जाए।
- वार्ड सदस्यों को प्रत्येक सरकारी योजना का प्रत्यक्ष लाभार्थी बनाया जाए।
- पंचायत प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाएं।

पंचायत की ताकत दिखाने को तैयार प्रतिनिधि
प्रमुख नीतू सिंह ने स्पष्ट किया:
नीतू सिंह ने कहा: “यह प्रदर्शन अधिकारों की याद दिलाने का माध्यम है, न कि किसी राजनीतिक द्वंद्व का। पंचायत प्रतिनिधियों की आवाज न तो कमजोर है, न ही अब दबेगी। राज्य सरकार को ज़मीनी प्रतिनिधियों के साथ न्याय करना होगा।”
जिला स्तर से भी मिला समर्थन
धरना-प्रदर्शन में जिप सदस्य प्रमोद कुमार सिंह (चैनपुर), विजय रविदास, विजय राम (लेस्लीगंज), सुनील सिंह (चैनपुर) सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया और समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अब भी चुप रही, तो आंदोलन की अगली कड़ी राज्यस्तरीय मोर्चा के रूप में सामने आएगी।

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