
#डुमरी #जनसुविधा : विभिन्न पंचायतों में आयोजित शिविरों में ग्रामीणों की भारी भागीदारी से योजनाओं के लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया हुई मजबूत
- आमरा, बड़की बैरागी, उतरी ईसरी और भारखर पंचायतों में लोक सेवा अधिकार सप्ताह का आयोजन किया गया।
- कार्यक्रम का नेतृत्व मुखिया दशरथ मण्डल, रीना देवी, शेरा खातून और मीनाक्षी देवी ने किया।
- शशि भूषण वर्मा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी डुमरी ने पूरे कार्यक्रम की निगरानी की।
- नागेश्वर मण्डल, ताजहासन अंसारी, साजदा खातून, करीम बख्श, सरफराज (गुड्डू मलिक) सहित कई पदाधिकारी सक्रिय रूप से मौजूद रहे।
- बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों को झारखंड सरकार और स्वयंसेवी संगठनों की टीमों ने योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायता की।
- लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2011 के तहत मिलने वाली सेवाओं का लाभ ग्रामीणों तक प्रभावी रूप से पहुंचता दिखा।
डुमरी प्रखंड के चार पंचायतों में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में भारी संख्या में ग्रामीण जुटे। नेतृत्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने संभाला, जबकि प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रखंड विकास पदाधिकारी शशि भूषण वर्मा और उनकी टीम ने पूरी दक्षता के साथ निभाई। कांग्रेस कमेटी के विभिन्न पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से मौजूद रहे, जिन्होंने ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान की। इस पहल में झारखंड सरकार की विभिन्न सेवाओं के प्रति ग्रामीणों में स्पष्ट जागरूकता और भरोसा देखने को मिला।
लोक सेवा अधिकार सप्ताह के तहत सेवा पहुंचाने की व्यापक पहल
चार पंचायतों में एक साथ आयोजित कार्यक्रम का मूल उद्देश्य सरकारी योजनाओं को आम जनता की पहुंच में लाना था। इन शिविरों में पंचायत प्रतिनिधियों — दशरथ मण्डल, रीना देवी, शेरा खातून, मीनाक्षी देवी — ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उनकी सुविधा के अनुसार विभिन्न विभागों की कतारों में मदद की। शिविरों में पेंशन, प्रमाण पत्र, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और आवास से जुड़े आवेदन बड़े पैमाने पर जमा किए गए।
प्रशासन की सक्रिय मौजूदगी से बढ़ी कार्यक्षमता
डुमरी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शशि भूषण वर्मा ने कार्यक्रम की पूरी निगरानी मौके पर रहकर की। कर्मचारी दल के साथ उन्होंने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक ग्रामीण को बिना किसी परेशानी के योजना से संबंधित जानकारी और सेवाएं मिल सकें। सरकारी विभागों द्वारा लगाए गए काउंटरों पर लगातार व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन होता रहा।
कांग्रेस प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं का सहयोग
शिविर में नागेश्वर मण्डल, ताजहासन अंसारी, साजदा खातून, करीम बख्श, सरफराज उर्फ गुड्डू मलिक, खुर्शीद अंसारी, अजीत स्वर्णकार, घनश्याम शर्मा, यूसुफ़ अंसारी समेत कई स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं की पात्रता, दस्तावेज़ और आवेदन प्रक्रिया समझाने में लगातार लगे रहे।
ग्रामीणों की भारी भागीदारी ने बढ़ाया कार्यक्रम का महत्व
शिविरों में महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों में जागरूकता और उत्साह साफ दिखाई दिया। सरकार की पहल और स्वयंसेवी संगठनों की सक्रियता ने इस कार्यक्रम को प्रभावी और सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2011 के लाभों का धरातली प्रभाव
इस कार्यक्रम में ग्रामीणों को स्पष्ट अनुभव हुआ कि लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2011 वास्तव में उन्हें समयबद्ध और पारदर्शी सेवाएं देने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रहा है। कई ग्रामीणों ने इसे एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया, जिसके माध्यम से सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच निश्चित रूप से आसान हुई है।



न्यूज़ देखो: योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने का सार्थक कदम
लोक सेवा अधिकार सप्ताह का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक तंत्र जब इच्छाशक्ति के साथ काम करे तब गांव-गांव में योजनाओं का लाभ पहुंचाना पूरी तरह संभव है। डुमरी के इन चार पंचायतों में दिखी भीड़ और व्यवस्था यह साबित करती है कि ग्रामीण जनता अब अधिक जागरूक और सक्रिय हुई है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त पहल भविष्य के लिए एक सकारात्मक मॉडल बन सकती है।
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गांव की प्रगति जनता की भागीदारी से
डुमरी के इन पंचायतों में दिखी सहभागिता यह बताती है कि जब जनता आगे बढ़ती है, तभी विकास के द्वार खुलते हैं। योजनाओं की जानकारी प्राप्त करना, सही दस्तावेज़ तैयार रखना और समय पर आवेदन देना नागरिकों की भूमिका को मजबूत बनाता है। ऐसे शिविर केवल लाभ नहीं देते, बल्कि जनता को सशक्त भी करते हैं।
अब आपकी बारी है—आप भी अपने क्षेत्र में आयोजित ऐसे शिविरों में भाग लें, दूसरों को जानकारी दें और योजनाओं का लाभ सही हाथों तक पहुंचाने में सहयोग करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर कर जागरूकता बढ़ाने में योगदान दें।





