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गढ़वा नवादा टैंक हादसे पर उठा सवाल: प्रशासन और समाज की प्रतिक्रियाएँ तेज

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#गढ़वा #दुःखदघटना : नवादा में हुए दर्दनाक टैंक हादसे के बाद गांव से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक छाई चिंता, जनप्रतिनिधियों ने उठाए सुरक्षा उपायों के मुद्दे
  • नवादा गांव में टैंक हादसे से चार लोगों की मौत के बाद मातम का माहौल।
  • गांव के लोग लगातार कर रहे हैं पीड़ित परिवारों का ढांढस बंधाने का प्रयास।
  • जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से सुरक्षा उपाय सख्ती से लागू करने की मांग की।
  • सामाजिक संगठनों ने जागरूकता अभियान शुरू करने का ऐलान किया।
  • प्रशासन ने सरकारी मुआवजे और भविष्य में रोकथाम की बात कही।

नवादा गांव में शुक्रवार को हुए सेफ्टी टैंक हादसे में तीन सगे भाइयों सहित चार लोगों की मौत के बाद पूरे इलाके में गम और चिंता का माहौल है। यह हादसा केवल एक परिवार को नहीं, बल्कि पूरे गांव को हिला देने वाला साबित हुआ। अब प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा नियमों और जनजागरूकता को लेकर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।

गांव में पसरा सन्नाटा, परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल

हादसे के दो दिन बाद भी नवादा गांव में माहौल सामान्य नहीं हो पाया है। पीड़ित परिवारों के घरों में लगातार लोगों का आना-जाना लगा है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने एक साथ तीन भाइयों की अर्थी उठते पहली बार देखी है। यह दृश्य गांव के हर व्यक्ति की आंखों में आंसू ला गया।

जनप्रतिनिधियों की कड़ी प्रतिक्रिया

स्थानीय विधायक सतेंद्र नाथ तिवारी ने इस घटना को “बेहद चिंताजनक” बताया और कहा कि इस तरह के हादसे रोकने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे।

सतेंद्र नाथ तिवारी: “सेफ्टी टैंक निर्माण और सफाई के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए। इस संबंध में प्रशासन जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करे।”

पूर्व सांसद घूरन राम ने मृतकों के परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया और कहा कि इस हादसे ने पूरे जिले को झकझोर दिया है। वहीं, जेएमएम के जिला अध्यक्ष शंभु राम ने इसे “लापरवाही का नतीजा” बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।

सामाजिक संगठनों की पहल

समाजसेवी दौलत सोनी ने सदर अस्पताल में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद कहा कि ऐसे हादसे में सबसे बड़ी समस्या जागरूकता की कमी है। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों को सेफ्टी टैंक और सेप्टिक टैंक में उतरने के खतरों के बारे में जानकारी देने का अभियान शुरू करने की घोषणा की।

दौलत सोनी: “यह केवल प्रशासन का नहीं, बल्कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने आस-पास ऐसे हादसे न होने दें।”

प्रशासन की कार्रवाई और आश्वासन

गढ़वा के सीओ सफी आलम ने बताया कि जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, निर्माणाधीन या नए बने टैंकों के उपयोग से पहले वेंटिलेशन और सुरक्षा की जांच को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

न्यूज़ देखो: हादसों से सबक लेना अब अनिवार्य

यह घटना केवल गढ़वा ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए चेतावनी है कि लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। अब जरूरी है कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और समाज मिलकर ठोस कदम उठाएं ताकि किसी भी परिवार को ऐसी पीड़ा न झेलनी पड़े।
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अब जिम्मेदारी हमारी भी

अब समय है कि हम सभी सुरक्षा को लेकर गंभीर हों। यदि आपके आस-पास कोई निर्माण कार्य हो रहा है तो सुनिश्चित करें कि कामगार और घरवाले सुरक्षा नियमों का पालन करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।

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