
#पलामू #निर्माण_विवाद : अस्पताल की नई बिल्डिंग तक जाने वाले रोड पर घटिया निर्माण का आरोप
- पांकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नई बिल्डिंग निर्माण कार्य अंतिम चरण में।
- मुख्य द्वार से बिल्डिंग तक एप्रोच रोड का निर्माण जारी।
- ग्रामीणों का आरोप—घटिया ईंटें और कम सीमेंट का प्रयोग।
- काम तकनीकी अधिकारियों की निगरानी के बिना हो रहा।
- ठेकेदार का कहना—रोड मूल स्टीमेट में शामिल नहीं था।
पांकी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। मरीजों और आगंतुकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बिल्डिंग तक पहुँचने के लिए एक एप्रोच रोड बनाया जा रहा है। लेकिन इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता को लेकर स्थानीय लोगों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है और यह सब बिना तकनीकी अधिकारियों की मौजूदगी में किया जा रहा है।
घटिया क्वालिटी पर ग्रामीणों की नाराज़गी
स्थानीय ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि रोड निर्माण में मानक के विपरीत ईंटों और सीमेंट का इस्तेमाल हो रहा है। रोड की मजबूती और ऊँचाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। उनका कहना है कि यह काम न केवल लापरवाही से किया जा रहा है बल्कि भविष्य में यह सड़क कुछ ही महीनों में टूट-फूट सकती है।
तकनीकी अधिकारियों की अनुपस्थिति
निर्माण स्थल पर जब लोगों ने मौजूद मुंशी से तकनीकी अधिकारी या जूनियर इंजीनियर (जे.ई.) की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल किया तो स्पष्ट जवाब नहीं मिला। संवाददाता के पूछताछ करने पर भी स्थिति साफ़ नहीं हो पाई। मुंशी ने जे.ई. का नंबर तक गलत बताया और मौके से काम बंद कर चला गया। इससे लोगों की शंका और भी गहरी हो गई।
ठेकेदार के बयान से बढ़ी शंका
ठेकेदार से बातचीत में यह जानकारी सामने आई कि यह रोड मूल स्टीमेट का हिस्सा ही नहीं था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना वर्क ऑर्डर के यह निर्माण किसके आदेश पर हो रहा है। क्या यह ठेकेदार की “जनसेवा” है या फिर बाद में री-स्टीमेट कर सरकारी फंड से पैसे की निकासी की जाएगी? अगर नि:शुल्क काम हो रहा है तो बिना तकनीकी देखरेख के घटिया निर्माण क्यों कराया जा रहा है?
पारदर्शिता पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि जब केंद्र सरकार की योजना के तहत बिल्डिंग डिपार्टमेंट द्वारा बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है, तो एप्रोच रोड जैसे महत्वपूर्ण हिस्से में पारदर्शिता की अनदेखी क्यों की जा रही है। लोगों को आशंका है कि अगर सड़क में इतनी लापरवाही हो रही है तो संभव है कि पूरी बिल्डिंग की क्वालिटी पर भी समझौता किया गया हो। यह मामला निश्चित रूप से जाँच का विषय है।
न्यूज़ देखो: जनता की सुरक्षा से समझौता नहीं होना चाहिए
पांकी स्वास्थ्य केंद्र का यह मामला स्पष्ट करता है कि ग्रामीण इलाकों में निर्माण कार्य की निगरानी कितनी कमजोर है। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े भवनों की क्वालिटी पर सवाल खड़ा होना जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी लापरवाहियों पर रोक लगाए।
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जिम्मेदारी और पारदर्शिता ही असली विकास
अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता से किसी भी हाल में समझौता नहीं होना चाहिए। पारदर्शिता और निगरानी ही जनता का विश्वास जीत सकती है। अब वक्त है कि हम सब मिलकर यह मांग उठाएँ कि हर सरकारी निर्माण की नियमित जाँच हो और दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और प्रशासन तक आवाज़ पहुँचाएँ।