
#गुमला #निर्माण_अनियमितता : जोरी गांव में अस्पताल निर्माण में घटिया सामग्री के आरोप – ग्रामीणों ने जांच और कार्रवाई की मांग की
- गुमला जिला के बिशनपुर प्रखंड के जोरी गांव में हो रहे अस्पताल निर्माण कार्य पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए।
- ग्रामीणों का कहना है कि मिट्टी मिक्स बालू, घटिया सीमेंट और लोकल छड़ का उपयोग किया जा रहा है।
- निर्माणाधीन दीवारों में दरारें आने से अस्पताल की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं।
- ग्रामीणों ने निर्माण कार्य रुकवाकर जांच की मांग की और दोषियों पर कार्रवाई की अपील की।
- ठेकेदार पर स्थानीय मजदूरों को नज़रअंदाज कर बाहरी मजदूरों को काम देने का भी आरोप लगाया गया है।
गुमला। बिशनपुर प्रखंड क्षेत्र के जोरी गांव में चल रहे सरकारी अस्पताल निर्माण कार्य पर अनियमितता के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे भविष्य में अस्पताल की मजबूती और सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
घटिया सामग्री से बन रहा अस्पताल, दीवारों में आई दरारें
ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल की नींव डालने में मिट्टी मिक्स बालू का प्रयोग किया जा रहा है। इससे अस्पताल की आधार संरचना कमजोर हो रही है। यही नहीं, लोकल छड़ और कम गुणवत्ता वाले सीमेंट का उपयोग भी खुलेआम किया जा रहा है। निर्माण स्थल पर जाकर देखने पर पाया गया कि कई जगहों पर दीवारों में पहले से ही दरारें दिखाई देने लगी हैं, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया है।
समाज सेवी जनक ठाकुर ने कहा: “यह अस्पताल हमारे गांव और आसपास के लोगों के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन जिस तरह की सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है, उससे लगता है कि अस्पताल टिकेगा नहीं। प्रशासन को तुरंत जांच करनी चाहिए।”
स्थानीय मजदूरों को किया गया काम से वंचित
ग्रामीणों का एक अन्य आरोप यह भी है कि ठेकेदार ने स्थानीय मजदूरों को काम देने से इनकार कर बाहरी मजदूरों को नियुक्त किया है। इससे क्षेत्र के दर्जनों गरीब मजदूर रोजगार से वंचित हो गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जब निर्माण कार्य हमारे गांव में हो रहा है, तो प्राथमिकता स्थानीय मजदूरों को मिलनी चाहिए थी।
बीजेपी मण्डल अध्यक्ष जगत ठाकुर ने कहा: “हमारे गांव में अस्पताल बन रहा है लेकिन हमें ही काम नहीं मिल रहा, यह हमारे मजदूरों के साथ अन्याय है।”
ग्रामीणों ने जांच और कार्रवाई की मांग उठाई
ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि इस निर्माण कार्य को तुरंत रोककर उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने मांग की कि निर्माण कार्य पुनः मानक सामग्री के साथ किया जाए ताकि अस्पताल की दीवारें मजबूत और टिकाऊ बन सकें।
ग्रामीणों ने प्रशासन से यह भी आग्रह किया कि जोरी गांव का यह अस्पताल आने वाले समय में हजारों ग्रामीणों की सेहत से जुड़ा है, इसलिए इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए।





न्यूज़ देखो: जनस्वास्थ्य के साथ समझौता अस्वीकार्य
स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण किसी भी समाज के विकास की नींव होता है। यदि ऐसे कार्यों में अनियमितता होती है, तो यह सिर्फ पैसे की हानि नहीं बल्कि जनजीवन के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित करे, दोषियों की पहचान कर कार्रवाई करे और जनता के विश्वास को बहाल करे।
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ईमानदार निर्माण से ही बनता मजबूत समाज
यह मामला याद दिलाता है कि विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है। अस्पताल, सड़क, स्कूल जैसे सार्वजनिक कार्यों की गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
अब समय है कि हम सब जागरूक नागरिक बनें और अपने क्षेत्र में चल रहे सरकारी कार्यों की निगरानी करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और दूसरों को भी सतर्क करें ताकि गुमला जैसे क्षेत्रों में जनहित के कार्य ईमानदारी और गुणवत्ता के साथ पूरे हों।




