
#बरवाडीह #कृषि_कार्यशाला : प्रखंड कार्यालय में आयोजित रबी कार्यशाला में किसानों को दी गई तकनीकी खेती और योजनाओं की जानकारी
- बरवाडीह प्रखंड कार्यालय सभागार में आयोजित हुई रबी कार्यशाला।
- प्रमुख सुशीला देवी, उप प्रमुख बिरेन्द्र जयसवाल, बीस सूत्री अध्यक्ष नसीम अंसारी सहित कई जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति।
- वैज्ञानिक खेती, मृदा परीक्षण और संतुलित उर्वरक उपयोग पर जोर दिया गया।
- किसानों को सरकारी योजनाओं से जुड़ने और कृषि विभाग के मार्गदर्शन में कार्य करने की सलाह।
- पांच किसानों के बीच बीज वितरण भी किया गया।
बरवाडीह (लातेहार) प्रखंड कार्यालय सभागार में सोमवार को रबी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, उन्नत बीज उपयोग, सिंचाई प्रबंधन और वैज्ञानिक खेती के तरीकों की जानकारी देना था। आयोजन का शुभारंभ प्रमुख सुशीला देवी, उप प्रमुख बिरेन्द्र जयसवाल, जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर, बीस सूत्री अध्यक्ष नसीम अंसारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज, सांसद प्रतिनिधि दीपक राज और पंचायत समिति सदस्य प्रवीण कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
तकनीकी खेती से बढ़ेगी उपज और आमदनी
कार्यक्रम में वक्ताओं ने किसानों से अपील की कि वे बदलते मौसम और नई तकनीक के अनुरूप खेती करें ताकि फसलों की उत्पादकता बढ़ सके।
प्रमुख सुशीला देवी ने कहा: “आज के समय में परंपरागत खेती के साथ आधुनिक तकनीकी ज्ञान को अपनाना जरूरी है। इससे न केवल उपज बढ़ेगी बल्कि किसानों की आमदनी में भी सुधार होगा।”
बीस सूत्री अध्यक्ष नसीम अंसारी ने कहा: “रबी मौसम में फसलों की सफलता के लिए उन्नत बीज, संतुलित खाद और मृदा परीक्षण बहुत आवश्यक है। किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करनी चाहिए।”
वक्ताओं ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेकर किसान अपनी उत्पादन क्षमता को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
प्रशिक्षण और बीज वितरण के माध्यम से प्रोत्साहन
रबी कार्यशाला में किसानों को खेती से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी गई और उन्हें नए कृषि उपकरणों एवं विधियों के उपयोग के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर पांच किसानों को बीज वितरण कर सम्मानित भी किया गया।
प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी रामनाथ यादव और एटीएम सपना कुमारी ने किसानों को प्रशिक्षण देते हुए मृदा परीक्षण, जल संरक्षण और फसल विविधीकरण पर विस्तृत जानकारी साझा की।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रामनाथ यादव ने कहा: “मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल चयन करना ही सही खेती की कुंजी है। किसानों को हर मौसम में मिट्टी का परीक्षण कराना चाहिए ताकि खाद और बीज का सही अनुपात तय किया जा सके।”
किसान बने आत्मनिर्भर और सशक्त
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने इस कार्यशाला को ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। किसानों ने कहा कि अब वे तकनीकी खेती अपनाकर अपनी उपज और आमदनी दोनों बढ़ाने का प्रयास करेंगे। कृषि विभाग ने किसानों को यह भी बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना, और कृषि यंत्रीकरण योजना जैसी योजनाओं का लाभ कैसे लिया जा सकता है।
सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा हर किसान
प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज ने कहा कि सरकार की मंशा हर किसान तक कृषि योजनाओं के लाभ को पहुंचाना है।
बीडीओ रेशमा रेखा मिंज ने कहा: “सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। विभाग की ओर से लगातार प्रशिक्षण, बीज वितरण और सहायता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हर किसान को इसका लाभ लेना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में प्रखंड स्तर पर फसल बीमा, कृषि ऋण और सिंचाई प्रबंधन से जुड़ी कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।



न्यूज़ देखो: खेती में नवाचार से ही बदलेगी किसानों की किस्मत
बरवाडीह में आयोजित रबी कार्यशाला ने यह साबित किया कि यदि किसान तकनीक, प्रशिक्षण और सरकारी सहायता का सही उपयोग करें, तो कृषि क्षेत्र में बड़ी क्रांति संभव है। प्रशासन और विभाग की यह पहल किसानों को नई दिशा देने वाली है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आधुनिकता अपनाएं, खेती को बनाएं लाभकारी
आज जब जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी खेती के सामने चुनौती बन चुके हैं, ऐसे में तकनीकी खेती और सामूहिक प्रयास ही समाधान है।
किसान वैज्ञानिक तरीकों से फसल उगाएं, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर बनें।
आप भी इस अभियान का हिस्सा बनें — अपने गांव के किसानों को जागरूक करें।
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