
#गढ़वा #मासिक_सत्संग – राधिका नेत्रालय चिरौंजिया मोड़ में ठाकुर अनुकूल चंद्र जी के आदर्शों से गूंजा वातावरण, सामूहिक प्रार्थना और भक्ति का अद्वितीय संगम
- राधिका नेत्रालय, चिरौंजिया मोड़ में मासिक सत्संग का भव्य आयोजन
- 100 से अधिक गुरु भाई-बहनों की भागीदारी, भजन, कीर्तन, आरती से गूंजा स्थल
- वरिष्ठ एसपीआर कुलदीप मिश्रा, विजय नंदन सिन्हा सहित कई गुरुजनों की उपस्थिति
- ठाकुर जी के जीवन दर्शन, दीक्षा और आत्मकल्याण पर विचार-विमर्श
- डॉ. सुरेश प्रसाद जी के परलोक गमन पर भावभीनी श्रद्धांजलि
- महाप्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का हुआ समापन
सत्संग की पावन वेला : जहां शब्दों में था आस्था का स्वर
गढ़वा जिले के चिरौंजिया मोड़ स्थित राधिका नेत्रालय में आयोजित मासिक सत्संग ने एक बार फिर से क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। गुरु भाई डॉ. सुशील प्रसाद जी के निवास स्थान पर आयोजित इस आयोजन में 100 से अधिक गुरु भाई-बहनों ने भाग लिया और युग पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी के मार्गदर्शन को आत्मसात किया।
कार्यक्रम की शुरुआत शंखध्वनि और जयघोष से हुई, जिसके बाद श्री श्री ठाकुर जी के चित्र पर माल्यार्पण, धूप-दीप अर्पण, आरती, नामजप और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। सभी धर्मग्रंथों के पाठ के साथ सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया गया।
गुरुजनों के विचार : जीवन के अमृत के रूप में सत्संग
इस कार्यक्रम में पलामू प्रमंडल के वरिष्ठ एसपीआर कुलदीप मिश्रा दादाजी, बंशीधर नगर एसपीआर विजय नंदन सिन्हा दादाजी, और एसपीआर धृति लाल सुंदर दादाजी ने ठाकुर जी के जीवन पर विस्तृत विचार रखे।
“सत्संग वह अमृत है जो जीवन को सकारात्मकता, शांति और सद्गति प्रदान करता है। सत्संग से ही आत्मिक उन्नति संभव है।” — एसपीआर कुलदीप मिश्रा
उन्होंने कहा कि कलयुग में केवल नाम और सत्संग ही मनुष्य को जीवन की दिशा दे सकते हैं। सत्संग केवल एक आयोजन नहीं बल्कि मानव जीवन का आध्यात्मिक आधार है। हर व्यक्ति को अपने घर में सत्संग का आयोजन करना चाहिए, जिससे घर, समाज, जिला और राष्ट्र का कल्याण सुनिश्चित हो सके।
श्रद्धांजलि क्षण : जब गुरु भाई का परलोक गमन बना भावनाओं का संगम
सत्संग के दौरान एक भावभीना क्षण तब आया जब यह सूचना दी गई कि वरिष्ठ गुरु भाई डॉ. सुरेश प्रसाद जी का आज परलोक गमन हो गया। यह समाचार सुनते ही पूरे आयोजन में गंभीर और श्रद्धासिक्त वातावरण बन गया।
“हम सभी गुरु भाई-बहन परमपिता से प्रार्थना करते हैं कि डॉ. सुरेश प्रसाद जी को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की शक्ति हमें प्रदान करें।”
गढ़वा के सभी गुरु भाई-बहनों ने उनके सद्गति के लिए सामूहिक रूप से प्रार्थना की।
भक्तिभाव और प्रसाद के साथ समापन
कार्यक्रम के अंत में महाप्रसाद का वितरण किया गया। उपस्थित श्रद्धालुओं में रघुवीर प्रसाद कश्यप, सियाराम पांडे, अशोक प्रसाद, हरिद्वार प्रसाद केसरी, बिदाराम, शंभू सोनी, राजकुमार दादाजी, अखिलेश दादाजी, तथा पायल देवी, सरिता देवी, पूजा कुमारी, पुष्पा कुमारी, अनीता देवी, मालती देवी, सीमा देवी प्रमुख रूप से शामिल रहीं। सभी ने ठाकुर जी के मार्ग को अपनाने का संकल्प लिया।



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