राहुल गांधी ने लालू यादव से की मुलाकात, बिहार चुनाव पर की चर्चा

दिल्ली रवाना होने से पहले, राहुल गांधी ने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव से मुलाकात की। यह मुलाकात राबड़ी देवी के आवास पर हुई, जिसमें तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। राहुल गांधी का यह दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने बिहार चुनाव की रणनीति पर चर्चा की।

मुख्य उद्देश्य और योजनाएं:

राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत एकजुट होकर भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीबों की लड़ाई लड़ेगी और बिहार में भाजपा की विचारधारा को हराएगी।

जातीय गणना पर राहुल गांधी का बयान:

“बिहार में जो जातीय गणना हुई है, वह पूरी तरह से फर्जी है,” राहुल गांधी ने कहा। इसके अलावा, उन्होंने जीएसटी को लेकर भी बयान दिया, जिसमें कहा कि गरीबों की मेहनत से सरकार को जीएसटी मिलती है, लेकिन वह पूरा पैसा उद्योगपतियों के पास चला जाता है।

राहुल गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद:

कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और कांग्रेस कार्यकर्ता इसे पूरी निष्ठा से करेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक विचारधारा की लड़ाई है और कांग्रेस पार्टी इसे जीतने के लिए तैयार है।

सांसद राहुल गांधी और राजद नेताओं की मुलाकात:

राबड़ी आवास पर राहुल गांधी की मुलाकात में राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के साथ साथ पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल भी उपस्थित थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली, लेकिन इसमें क्या चर्चा हुई, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

समारोह का समापन:

मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से कोई बात नहीं की। हालांकि, जब मीडिया ने लालू यादव से सवाल किया तो उन्होंने कहा, “सब अच्छा है।”

तेजस्वी यादव ने भी मुस्कराते हुए कहा,

“क्यों बताएं? चूड़ा खाए, मेरे आवास में जो गौशाला है वह देखें, मंदिर देखे, सब ठीक है।”

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की एकजुटता:

राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे भाजपा और आरएसएस को हराने के लिए कड़ी मेहनत करें।

राहुल गांधी का यह दौरा बिहार में राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह बिहार विधानसभा चुनाव की आगामी रणनीतियों का संकेत भी देता है।

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