
#बरवाडीह #दुर्गापूजा : रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे क्लब में हुई महिला समिति की बैठक, कलश स्थापना से लेकर डांडिया नाइट और सिंदूर खेला तक का पूरा कार्यक्रम तय
- बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर।
- रेलवे क्लब महिला समिति की बैठक अध्यक्ष रेखा पाठक की अध्यक्षता में सम्पन्न।
- कलश स्थापना से नवमी तक प्रतिदिन भजन-कीर्तन का आयोजन होगा।
- सप्तमी, अष्टमी और नवमी को आकर्षक डांडिया नाइट का आयोजन।
- विजयादशमी के अगले दिन प्रतिमा विसर्जन के दौरान महिलाओं का पारंपरिक सिंदूर खेला।
बरवाडीह में शारदीय नवरात्र और दुर्गा पूजा की तैयारियां पूरे उत्साह के साथ शुरू हो चुकी हैं। रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे क्लब में रविवार को महिला समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता समिति की अध्यक्ष रेखा पाठक ने की। बैठक में पूजा महोत्सव के सभी कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया।
भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक रंगारंग आयोजन
निर्णय लिया गया कि कलश स्थापना से लेकर नवमी तक प्रतिदिन भजन-कीर्तन होंगे, ताकि धार्मिक माहौल पूरे कॉलोनी और आसपास में बना रहे। वहीं सप्तमी, अष्टमी और नवमी की रातें विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी, क्योंकि इन तीनों दिनों में डांडिया नाइट का आयोजन होगा। इसमें न केवल रेलवे कॉलोनी की महिलाएं और युवतियां, बल्कि आसपास के बाजार और गांव की महिलाएं भी भाग लेंगी।
डांडिया नाइट का विशेष आकर्षण
अध्यक्ष रेखा पाठक ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी डांडिया नाइट का आयोजन सबसे ज्यादा उत्साह और जोश लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि “महिलाओं और युवतियों की सहभागिता इस आयोजन को और भी जीवंत बना देती है।”
सिंदूर खेला की परंपरा
बैठक में यह भी तय हुआ कि विजयादशमी के अगले दिन प्रतिमा विसर्जन के दौरान महिलाएं पारंपरिक सिंदूर खेला की रस्म निभाएंगी। यह परंपरा महिलाओं के बीच आनंद और भाईचारे का प्रतीक मानी जाती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं के भाग लेने की उम्मीद है।
समिति की सक्रिय भागीदारी
बैठक में समिति की सदस्य अमृता रश्मि, नैना कुमारी, रतना सिंह, संजू कुमारी, सोनी कुमारी, कविता कुमारी, आरती, सरोज देवी, नीलू कुमारी, साक्षी कुमारी, सिमरन कुमारी, कोमल कुमारी समेत अन्य सदस्य उपस्थित थीं। सभी ने मिलकर कार्यक्रमों को सफल बनाने की रणनीति पर विचार किया और अपनी जिम्मेदारियां तय कीं।
न्यूज़ देखो: सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उत्सव
बरवाडीह में दुर्गा पूजा न सिर्फ धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह सामाजिक मेलजोल और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का माध्यम भी है। महिला समिति द्वारा किए जा रहे ऐसे आयोजन महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व क्षमता को उजागर करते हैं।
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सामूहिक उत्सव से बढ़ती सामाजिक एकता
दुर्गा पूजा का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि सामूहिक उत्सव से समाज में एकता, प्रेम और आपसी सहयोग की भावना और मजबूत होती है। अब समय है कि हम सब इस परंपरा को और सशक्त बनाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उत्सव की खुशी हर घर तक पहुंचे।