#बरवाडीह #आवास_संकट : लातेहार के पोखरी कलां पंचायत के इस्लामपुर टोला में भारी बारिश ने ली गरीब परिवार की नींद — आधी रात में मिट्टी का घर गिरा, प्रशासन से मदद की मांग
- पोखरी कलां के जहूर मियां का मिट्टी का घर बारिश में ढहा, परिवार ने किसी तरह बचाई जान
- रविवार की रात हुआ हादसा, घर में सोए हुए थे सभी सदस्य
- आवास योजना का लाभ नहीं मिला, आर्थिक तंगी में गुजर-बसर
- मुखिया नीतू देवी और उपमुखिया सुल्तान रज़ा ने पहुंचकर लिया घटनास्थल का जायजा
- पीड़ित परिवार ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से अविलंब आवास की मांग की
रात के सन्नाटे में टूटा जीवन का सहारा
बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत पोखरी कलां पंचायत के इस्लामपुर टोला निवासी जहूर मियां (पिता कपूर मियां) का मिट्टी का बना घर रविवार की रात अचानक ढह गया। घटना के वक्त पूरा परिवार घर में सो रहा था, लेकिन आवाज सुनकर सभी भागते हुए जान बचाने में सफल रहे।
जहूर मियां ने बताया: “हम लोग रात में सोए थे तभी घर की दीवार गिरी, जैसे-तैसे भागकर बाहर आए। बच्चों को कुछ नहीं हुआ, यही राहत है।”
घटना के बाद स्थानीय मोहल्ले के लोगों ने तत्परता से मदद की, उन्हें अपने घर में आश्रय दिया और खाने की व्यवस्था भी की।
अब तक नहीं मिला आवास, खुद नहीं बना पाए पक्का घर
जहूर मियां का परिवार बेहद गरीब है। आर्थिक तंगी के चलते वह अब तक पक्का घर नहीं बना पाए और प्रधानमंत्री आवास योजना या किसी अन्य सरकारी आवास योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाया। इसी कारण वर्षों से मिट्टी के घर में गुजर-बसर कर रहे थे।
बारिश से घर के दीवारों में पहले से ही दरारें थीं, लेकिन तेज बारिश ने सारी कमजोरियों को उजागर कर दिया और घर पूरी तरह जमींदोज हो गया।
जनप्रतिनिधियों ने किया दौरा, दिया आश्वासन
घटना की सूचना मिलते ही पंचायत की मुखिया नीतू देवी और उपमुखिया सुल्तान रज़ा मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहयोग प्रदान किया और जल्द से जल्द आवास योजना का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
मुखिया नीतू देवी ने कहा: “हम घटना की सूचना मिलते ही पहुंचे और संबंधित अधिकारियों से बात कर पीड़ित को शीघ्र आवास उपलब्ध कराने की पहल करेंगे।”
प्रशासन से राहत की गुहार
जहूर मियां और उनकी पत्नी ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद बरवाडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज से आवास योजना के अंतर्गत तत्काल सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते पक्का घर मिलता, तो आज उनका परिवार इस संकट से नहीं गुजरता।
अब उन्हें न केवल छत की आवश्यकता है, बल्कि राशन, कपड़े और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी सहायता की दरकार है।
न्यूज़ देखो: बरसात में उजड़ते आशियानों की हकीकत
यह घटना सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं की धीमी रफ्तार और आर्थिक रूप से कमजोर तबके की उपेक्षा का नतीजा है। समय रहते यदि योजनाएं जमीन पर उतरतीं, तो आज कई घर यूं उजड़ने से बच जाते।
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आपका एक कदम किसी की छत बन सकता है
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