#झारखंडमॉनसून #जलजमावसंकट : हरमू नदी उफनाई, घरों में पानी, सड़कें बनीं तालाब — मौसम विभाग का वज्रपात अलर्ट जारी
- रांची, गिरिडीह, बोकारो, दुमका समेत 10 जिलों में जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
- राजधानी में एक घंटे की बारिश में 100 मिमी से ज्यादा वर्षा दर्ज, कई इलाकों में घर-दुकानों में घुसा पानी
- हरमू नदी का रौद्र रूप, 30 मोहल्ले बने टापू, किचन-बेडरूम तक नाले का पानी घुसा
- बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के कारण 25 जून तक बारिश और वज्रपात का सिलसिला जारी रहेगा
- अब तक रांची में सामान्य से 257% अधिक बारिश दर्ज, 412 मिमी तक पहुंची वर्षा
एक घंटे की बारिश ने रांची को डुबोया
रविवार दोपहर 3 बजे के बाद रांची में अचानक शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने राजधानी को जलसंकट में धकेल दिया।
सिर्फ एक घंटे में ही 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई।
हरमू नदी निवारणपुर, रातू रोड, मेन रोड, और अपर बाजार जैसे इलाकों में उफन पड़ी और घरों, दुकानों, अपार्टमेंट्स तक में पानी घुस गया।
नाले उफनाए, मोहल्ले बने टापू
रांची के 20 बड़े नाले उफन पड़े हैं, जिससे 30 मोहल्ले पूरी तरह से जलमग्न हो गए।
सेवा सदन पथ, बिरसा चौक, लोहराकोचा, कर्बला चौक, चुनवा टोली जैसे क्षेत्र कमर भर पानी में डूबे।
बंधु नगर के मकानों में बेडरूम और किचन तक नाले का पानी भर गया, जिससे लोगों को भोजन बनाने में भी दिक्कत हो रही है।
झारखंड के अन्य जिले भी जलमग्न
गिरिडीह, बोकारो, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार और पलामू जैसे जिलों में भी भारी वर्षा दर्ज की गई।
लोग दिन में भी चादर और रजाई में लिपटे नजर आ रहे हैं, तापमान 20 डिग्री के करीब पहुंच गया है।
25 जून तक राहत नहीं, अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 25 जून तक झारखंड के अधिकांश हिस्सों में बारिश और वज्रपात का खतरा बना रहेगा।
पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से तेज बारिश की संभावना बढ़ी है।
40–50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
“बारिश के दौरान बिजली गिरने की भी आशंका है। लोग चेतावनियों को गंभीरता से लें और घरों से बाहर न निकलें।”
— अभिषेक आनंद, मौसम वैज्ञानिक, रांची
रांची में बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड
अब तक रांची में 412.2 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 115.6 मिमी से 257% अधिक है।
पूरे राज्य में 1 जून से अब तक औसतन 231.2 मिमी बारिश हुई है, जो 106% ज्यादा है।
लालपुर, कर्बला चौक, एचईसी परिसर, बड़ा तालाब इलाका जलमग्न है।
“जीवन नरक बन गया”: पीड़ितों की आपबीती
बरसात में जिनके घरों में पानी घुसा, उनकी हालत बेहद खराब हो गई है।
एक स्थानीय महिला ने कहा,
“हमने अपनी बेटी की पढ़ाई और इलाज के लिए पैसे जमा किए थे। बारिश में सबकुछ बर्बाद हो गया।”
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