
#गुमला #डुमरी : लगातार बारिश ने छीना आशियाना, पीड़ित परिवार प्रशासन से मदद की आस
- डुमरी प्रखंड के टंगरा टोली बस्ती में भारी बारिश से घर धंसा।
- पूजा कुमारी का कच्चा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त, परिवार बेघर।
- छोटे बच्चों संग खुले आसमान तले रहने को मजबूर।
- अभी तक प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं, परिवार परेशान।
- ग्रामीणों ने भी राहत व मुआवजा की मांग उठाई।
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत टंगरा टोली बस्ती में लगातार हो रही बारिश ने एक गरीब परिवार का आशियाना उजाड़ दिया। गांव की रहने वाली पूजा कुमारी का कच्चा मकान बारिश के कारण धंस गया, जिससे उनका परिवार पूरी तरह बेघर हो गया। खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर इस परिवार की मुश्किलें हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रही हैं।
टंगरा टोली में बारिश का कहर
पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से डुमरी प्रखंड के कई इलाके प्रभावित हैं। इन्हीं में से एक है टंगरा टोली, जहां गरीब तबके के परिवार अपने कच्चे मकानों में रह रहे हैं। लगातार पानी गिरने से मिट्टी ढह गई और पूजा कुमारी का घर क्षतिग्रस्त हो गया। परिवार के पास न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था है और न ही संसाधन, जिससे वे सुरक्षित ठिकाना ढूंढ सकें।
छोटे बच्चों के साथ खुले आसमान में जिंदगी
पीड़िता पूजा कुमारी ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि बारिश के बीच बच्चों के साथ खुले में रहना बेहद मुश्किल हो गया है।
पूजा कुमारी ने कहा: “हमारे घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं। बारिश में खुले में रहना बहुत मुश्किल हो गया है। किसी भी वक्त बच्चों की तबीयत बिगड़ सकती है। अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। हम प्रशासन से आवास योजना के तहत नया मकान और मुआवजा की मांग कर रहे हैं।”
प्रशासन की चुप्पी और बढ़ती चिंता
घटना की जानकारी मिलने के बावजूद अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। न राहत सामग्री दी गई और न ही आपदा प्रबंधन विभाग से कोई संपर्क हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्थिति में त्वरित कार्रवाई न होना प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा करता है।
ग्रामीणों का कहना है: “प्रशासन को तुरंत पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।”
सामाजिक जिम्मेदारी और राहत की आवश्यकता
ग्रामीणों ने भी इस घटना को मानवीय संकट बताते हुए जिला प्रशासन से तत्काल मदद की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते सहायता नहीं पहुंचाई गई, तो यह परिवार गंभीर समस्याओं में फंस सकता है।
न्यूज़ देखो: मदद की परीक्षा का समय
इस घटना ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित गरीब परिवारों तक राहत पहुंचाने की व्यवस्था कितनी कारगर है। अब समय है कि प्रशासन संवेदनशीलता दिखाए और पीड़ित परिवार को आवास व मुआवजा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए।
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जिम्मेदारी निभाने का वक्त
हम सबका कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में आवाज उठाएं और पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन पर दबाव बनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि मदद जल्द पहुंच सके और समाज में जागरूकता फैले।