#महुआडांड़ #मौसम_विनाश — दो दिन की तेज बारिश में मिट्टी का घर ढहा, गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे
- पंचायत परहाटोली निवासी बिफन नगेसिया का घर पूरी तरह से ध्वस्त
- लगभग 4 क्विंटल धान बारिश में भीग कर पूरी तरह बर्बाद
- परिवार प्लास्टिक तानकर कर रहा है गुजारा
- बिफन को अब तक नहीं मिला कोई आवास योजना का लाभ
- गर्मी में समय से मरम्मत नहीं हो पाने से हुआ हादसा
मिट्टी का घर टूटा, बर्बाद हुआ अनाज
लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत परहाटोली पंचायत में बुधवार की रात तेज बारिश के चलते गरीब बिफन नगेसिया का मिट्टी से बना घर ढह गया। घर के गिरने से किसी सदस्य को शारीरिक क्षति तो नहीं हुई, लेकिन भीतर रखे लगभग 4 क्विंटल धान पानी में भीग कर पूरी तरह बर्बाद हो गए।
गर्मी में तेज बारिश ने नहीं दिया मरम्मत का मौका
बिफन नगेसिया ने बताया कि यह घर वर्षों पुराना था और हर साल मरम्मत कर किसी तरह से रहते थे। लेकिन इस बार समय से पहले शुरू हुई भारी बारिश ने घर की मरम्मत का मौका नहीं दिया।
बिफन नगेसिया ने कहा: “गर्मी के मौसम में लगातार बारिश हो गई, जिससे मरम्मत नहीं हो पाई और अब बरसात शुरू होते ही घर गिर गया। अब प्लास्टिक डालकर रह रहे हैं।”
अनाज बर्बादी से बढ़ी मुश्किलें, भोजन का संकट
इस हादसे में बिफन के परिवार का सबसे बड़ा नुकसान अनाज का हुआ। उनके पास रखे धान भीग कर पूरी तरह से खराब हो गए, जिससे अब खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है। यह परिवार पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर था और अब आवास व खाद्य सुरक्षा दोनों संकट बन गए हैं।
अब तक नहीं मिला कोई सरकारी आवास
बिफन ने बताया कि उन्होंने इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास या अबुआ आवास किसी भी योजना का लाभ आज तक नहीं पाया है। सरकारी योजनाओं की पहुंच से दूर रहने वाले इस परिवार की स्थिति दयनीय हो चुकी है और प्रशासन से तत्काल मदद की जरूरत है।
न्यूज़ देखो: एक परिवार की पीड़ा और व्यवस्था से सवाल
बारिश से तबाह हुआ बिफन नगेसिया का परिवार झारखंड की ग्रामीण हकीकत की एक कड़वी तस्वीर पेश करता है। सरकारी आवास योजना से वंचित रहना और आपदा की स्थिति में बिना मदद रह जाना व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है। न्यूज़ देखो प्रशासन से मांग करता है कि बिफन जैसे परिवारों को प्राथमिकता पर राहत दी जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
गरीबों की सुरक्षा के लिए योजनाएं हों समयबद्ध
सरकार की योजनाएं तभी कारगर होती हैं जब वास्तव में जरूरतमंद तक समय पर पहुंचे। बिफन जैसे हजारों लोग आज भी आवास और खाद्यान्न सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समय है कि हम न केवल संवेदनशील बनें, बल्कि अपने आस-पास के लोगों की भी आवाज़ बनें।
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