
#लातेहार #बारिशसेतबाही – 36 घंटे में भारी बारिश से लातेहार में टूटी सड़कों और डायवर्सन की पोल खुली — एक गेहूं लदा ट्रक दोमुहान नदी में गिरा, दूसरा कोलियरी के पास नाले में समा गया
- लातेहार-मनिका NH डायवर्सन पर ट्रक गिरा, भारी क्षति
- डायवर्सन पर जलनिकासी नहीं, बारिश में बह गया रास्ता
- तेतरिया कोलियरी में मिट्टी धंसने से कोयला लदा ट्रक नाले में फंसा
- दोनों मामलों में किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं, चालक सुरक्षित
- फोरलेन निर्माण कार्य के चलते कई अस्थायी रास्तों की स्थिति नाजुक
दोमुहान नदी में गेहूं लदा ट्रक समाया
लातेहार जिले में बीते 36 घंटे की मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। लातेहार और मनिका के बीच NH पर बनाए गए डायवर्सन पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक ट्रक अनियंत्रित होकर दोमुहान नदी में गिर गया। बारिश के तेज बहाव से बना डायवर्सन बह गया, और ट्रक पानी में समा गया। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन ट्रक में लदे गेहूं के डूब जाने से भारी आर्थिक नुकसान की आशंका है।
घटना के बाद, जब नदी का जलस्तर घटा, तो ट्रक दिखाई दिया। निर्माण एजेंसी ने समय रहते वैकल्पिक डायवर्सन तैयार रखा था, जिससे यातायात प्रभावित नहीं हुआ। पर यह घटना बताती है कि डायवर्सन निर्माण के दौरान जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी, जिससे यह हादसा हुआ।
फोरलेन निर्माण और अस्थायी डायवर्सन की चुनौतियां
लातेहार से पलामू तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य जारी है। इसके चलते कई जगहों पर अस्थायी डायवर्सन बनाए गए हैं। लेकिन भारी बारिश के मौसम में इन डायवर्सनों की स्थिति बेहद संवेदनशील हो जाती है। जलनिकासी की कमी और मिट्टी की मजबूती न होने के कारण डायवर्सन बार-बार क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, जिससे हादसों की आशंका बढ़ रही है।
तेतरिया कोलियरी में भी टला बड़ा हादसा
दूसरी बड़ी घटना बालूमाथ प्रखंड के तेतरिया कोलियरी की है, जहां कोयला उठाने आया एक ट्रक बरसाती नाले में गिर गया। तेज बारिश के कारण नाले में पानी भर गया और किनारे खड़ी मिट्टी धीरे-धीरे धंसने लगी। ट्रक खतरनाक स्थिति में पहुंच गया, लेकिन चालक वाहन में मौजूद नहीं था, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई।
स्थानीय मजदूरों और कोलियरी प्रशासन की सतर्कता से तत्काल क्रेन मंगाई गई, और ट्रक को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। ट्रक का पिछला हिस्सा किनारे पर ही अटका रह गया, जिससे वह बहाव में नहीं जा सका।
बारिश के कहर ने खोली लापरवाही की पोल
ये दोनों घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि जिले में चल रहे निर्माण कार्यों और मौसमी सुरक्षा इंतज़ामों में गंभीर खामियां हैं। भारी बारिश के दौरान जब अस्थायी रास्ते जवाब देने लगते हैं, तो जनजीवन पर संकट गहरा जाता है। डायवर्सन निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है: “अगर समय रहते जलनिकासी की व्यवस्था होती और मिट्टी की मजबूती सुनिश्चित की जाती, तो ऐसे हादसे नहीं होते। प्रशासन को इससे सीख लेकर स्थायी समाधान करना चाहिए।”
न्यूज़ देखो: बारिश ने किया निर्माण कार्यों की सच्चाई उजागर
न्यूज़ देखो इन घटनाओं के माध्यम से यह उजागर करता है कि कैसे विकास कार्यों के नाम पर की गई जल्दबाजी और लापरवाही भारी बारिश में संकट बन जाती है। लातेहार जैसे क्षेत्रों में अस्थायी निर्माण का स्थायी समाधान ढूंढना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
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सुरक्षित विकास की ओर बढ़े कदम
विकास के साथ सुरक्षा जरूरी है। स्थानीय प्रशासन और निर्माण एजेंसियों को चाहिए कि वे हर निर्माण से पहले पर्यावरणीय जोखिम और मौसमी संकट को ध्यान में रखें। आप इस खबर पर अपनी राय जरूर दें, इसे शेयर करें और इस मुद्दे को अपने तक सीमित न रखें — क्योंकि यह सवाल सबका है।