- मकर संक्रांति के अवसर पर रामचंद्र चंद्रवंशी ने प्रेसवार्ता कर जनता के प्रति आभार जताया।
- चुनावी हार को लोकतंत्र का हिस्सा मानते हुए राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान।
- सतबहिनी झरना के विकास और क्षेत्र के अधूरे सपनों का जिक्र।
- भविष्य में समाजसेवा और धर्म कार्यों में जीवन बिताने का निर्णय।
- नए विधायक को विकास कार्यों में सहयोग का आश्वासन।
गढ़वा से रिपोर्ट:
पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में अपने राजनीतिक सफर और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जनता के सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया। चंद्रवंशी ने चार बार विधायक बनने और दो राज्यों में मंत्री पद पर काम करने का श्रेय जनता के आशीर्वाद को दिया।
चुनावी हार और राजनीति से संन्यास का ऐलान:
चुनावी हार पर चंद्रवंशी ने कहा, “लोकतंत्र में हार-जीत स्वाभाविक है। जनता का निर्णय सर्वोपरि है।” उन्होंने उम्र का हवाला देते हुए चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का निर्णय लिया, लेकिन समाजसेवा और विकास कार्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
सतबहिनी झरना न्यास पर विचार:
सतबहिनी झरना के विकास को लेकर चंद्रवंशी ने कहा, “अपने कार्यकाल में मैंने जितना संभव था, विकास कार्य किए। अब इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी नए विधायक पर है। यदि जनता को मेरी आवश्यकता होगी, तो मैं हमेशा सहयोग के लिए तैयार हूं।”
अधूरे सपनों का उल्लेख:
चंद्रवंशी ने अपने अधूरे सपनों के बारे में बात करते हुए विश्रामपुर और मझिआंव को अनुमंडल बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि 102 योजनाओं का शिलान्यास क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
भविष्य की योजनाएं और समाजसेवा:
भाजपा के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए चंद्रवंशी ने कहा, “पार्टी ने जो सम्मान दिया, उसे कभी नहीं भूलूंगा। अब शेष जीवन समाजसेवा, शिक्षा व्यवस्था सुधारने और धर्म कार्यों में समर्पित करूंगा।”
नए विधायक को सलाह:
चंद्रवंशी ने अपने प्रतिद्वंदी नरेश प्रसाद सिंह की जीत को स्वीकारते हुए उन्हें जनता के निर्णय का सही प्रतिनिधि बताया। नए विधायक को सलाह देते हुए उन्होंने कहा,
“क्षेत्र के विकास कार्यों को बिना भेदभाव के पूरा करें। मैं हर संभव सहयोग के लिए तैयार हूं।”
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