
#गढ़वा #रक्तदान : मेराल की एक गरीब महिला को गढ़वा ब्लड बैंक में B+ रक्त की आवश्यकता थी, टीम दिल का दौलत ने तत्काल मदद कर दिखाई सामाजिक संवेदनशीलता
- मेराल से आई महिला को B+ रक्त की थी सख्त जरूरत, परिवार में कोई मदद करने वाला नहीं था
- दयाशंकर गुप्ता ने टीम दिल का दौलत को दी सूचना, व्हाट्सएप ग्रुप में साझा की जानकारी
- नागेंद्र सोनी ने दुकान बंद कर तुरंत किया रक्तदान, महिला की जान बचाई
- टीम संयोजक दौलत सोनी ने जताया आभार, कहा – “जिसका कोई नहीं, उसका टीम दौलत”
- रक्तदान सेवा ने फिर पेश की मानवता की मिसाल, समाज को मिला प्रेरणादायी संदेश
महिला की हालत थी गंभीर, अस्पताल के बाहर खड़ी थी बेसहारा
गढ़वा, 8 जुलाई 2025 । मंगलवार की सुबह एक गरीब महिला अपने इलाज के लिए मेराल से गढ़वा सदर अस्पताल पहुंची थी। महिला को B+ रक्त की सख्त आवश्यकता थी, लेकिन परिवार में कोई ऐसा नहीं था जो रक्तदान कर सके। आर्थिक तंगी और सामाजिक असहायता के बीच महिला ब्लड बैंक के बाहर मदद की आस लगाए खड़ी थी।
दयाशंकर गुप्ता ने निभाई संवेदनशीलता, टीम को दी जानकारी
गढ़वा के प्रतिष्ठित समाजसेवी दयाशंकर गुप्ता ने महिला की परेशानी को देखकर तत्काल टीम दिल का दौलत के व्हाट्सएप ग्रुप में इस जरूरत की सूचना साझा की। जानकारी मिलते ही टीम के सदस्य सक्रिय हो गए और मदद के लिए तैयार हो गए।
बिना देरी, नागेंद्र सोनी ने लिया साहसी कदम
टीम के सक्रिय सदस्य पवन सोनी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत नागेंद्र सोनी से संपर्क किया। नागेंद्र उस समय अपनी दुकान पर थे, लेकिन उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के दुकान का शटर गिराया और सीधे ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया। उनकी तत्परता और सेवा-भावना ने महिला की जान बचाई।
युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने कहा: “हमारा मूल मंत्र है – जिसका कोई नहीं, उसका टीम दौलत है यारों।। नागेंद्र ने इसे आज चरितार्थ कर दिखाया।”
मानवता की मिसाल बनी टीम दिल का दौलत
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि टीम दिल का दौलत केवल एक संस्था नहीं, एक भाव है – मदद, संवेदनशीलता और मानवता का। इस घटना में जहां एक तरफ महिला को जीवनदान मिला, वहीं दूसरी तरफ समाज को भी एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला।



न्यूज़ देखो: ज़रूरतमंदों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही हैं लोकल टीमें
टीम दिल का दौलत जैसे संगठन झारखंड में मानवता की नयी परिभाषा गढ़ रहे हैं। यह सिर्फ एक रक्तदान नहीं, बल्कि एक जीवन की रक्षा थी – वह भी बिना शोर के, बिना शर्त के। न्यूज़ देखो ऐसे ज़मीनी प्रयासों को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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यह घटना हमें यह सिखाती है कि हर नागरिक एक सामाजिक बदलाव का वाहक हो सकता है। आइए, हम भी संवेदनशील बनें, समाज की सेवा में हाथ बढ़ाएं, और इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
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