Koderma

रामनवमी पर कोडरमा की बेटियां दिखाएंगी शौर्य, लाठी-तलवार चलाकर रचेंगी नई परंपरा

Join News देखो WhatsApp Channel
  • रामनवमी पर इस बार कोडरमा में महिलाएं भी करेंगी शौर्य प्रदर्शन
  • झांसी की रानी अखाड़ा समिति दे रही महिलाओं को तलवारबाज़ी और लाठीबाज़ी का प्रशिक्षण
  • 8 से 70 साल की महिलाएं आत्मरक्षा और आत्मविश्वास के लिए सीख रही हैं युद्धकला
  • महिला प्रशिक्षक योगाचार्य सुषमा सुमन के नेतृत्व में नई सोच की शुरुआत
  • महिलाएं खुद को बना रही हैं आत्मनिर्भर और प्रेरणा स्रोत

कोडरमा जिले में इस बार की रामनवमी कुछ खास और ऐतिहासिक होने जा रही है। आमतौर पर पुरुषों द्वारा किए जाने वाले शौर्य प्रदर्शन में अब महिलाएं भी आगे आ रही हैं। झांसी की रानी अखाड़ा समिति के बैनर तले झुमरी तिलैया में 8 वर्ष की बच्चियों से लेकर 70 वर्ष की महिलाएं तक लाठी और तलवार चलाने का अभ्यास कर रही हैं। ये सभी महिला शक्ति आत्मरक्षा के साथ-साथ रामनवमी के अवसर पर अपनी भागीदारी निभाने को पूरी तरह तैयार हैं।

प्रशिक्षण और महिला भागीदारी

हर दिन सुबह 5 से 7 बजे तक योगाचार्य सुषमा सुमन के नेतृत्व में 50 से अधिक महिलाएं आत्मरक्षा की तकनीकें सीख रही हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य सिर्फ शौर्य प्रदर्शन नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है।

“अब समय आ गया है कि महिलाएं केवल दर्शक नहीं, बल्कि समाज की शौर्य परंपरा में सहभागी बनें। रामनवमी पर हम मातृशक्ति का उत्साह देखेंगे।” — सुषमा सुमन, अध्यक्ष, झांसी की रानी अखाड़ा समिति

प्रेरणा बन रही हैं महिला योद्धा

प्रशिक्षण ले रहीं कुछ वरिष्ठ महिलाओं ने बताया कि वे इस उम्र में भी खुद को शारीरिक रूप से मजबूत बनाकर आने वाली पीढ़ी को एक नई दिशा देना चाहती हैं। उनके अनुसार, लाठी और तलवार चलाना सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और आत्मबल का प्रतीक है।

“हम नहीं चाहते कि हमारी बेटियां असहाय बनें। आत्मरक्षा की कला सीखना हर महिला के लिए जरूरी है।” — प्रशिक्षण प्राप्त महिला प्रतिभागी

समाज में नई सोच की शुरुआत

इस पहल से कोडरमा में एक नई सामाजिक चेतना का संचार हो रहा है, जहाँ महिलाएं अब केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि शौर्य प्रदर्शन और सामाजिक नेतृत्व में भी आगे हैं। रामनवमी के पावन अवसर पर यह महिला शक्ति पूरे समाज को एक प्रेरणा देने जा रही है।

“हमारी शक्ति, हमारी रक्षा” : कोडरमा की बेटियों की आवाज़

शस्त्र विद्या में पारंगत हो रही कोडरमा की महिलाएं अब संदेश दे रही हैं कि शक्ति की उपासना सिर्फ आराधना तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हर महिला को अपनी आत्मरक्षा खुद करने का हुनर भी आना चाहिए। यह पहल पूरे राज्य के लिए मिसाल बनेगी।

आपकी आवाज़, ‘न्यूज़ देखो’ के साथ

इस तरह की पहलें केवल खबरें नहीं होतीं, ये बदलाव की शुरुआत होती हैं। ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे ही हर कोने की उन कहानियों को सामने लाता है जो हिम्मत, हौसले और बदलाव की बुनियाद बनती हैं। जुड़िए हमारे साथ, क्योंकि — “हर ख़बर पर रहेगी हमारी नजर।”

क्या आपको लगता है कि ऐसी पहल से समाज में बदलाव आ सकता है? क्या आपके क्षेत्र में भी महिलाओं को इसी तरह का प्रशिक्षण मिलना चाहिए? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें और खबर को रेटिंग दें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
IMG-20251017-WA0018
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: